विवाद आधुनिक खेलों का एक अहम हिस्सा हो चुके हैं और 'सज्जन खेल' कहा जाने वाला क्रिकेट भी कोई अपवाद नहीं है. कई ऐसे मौके आए हैं, जब क्रिकेटर्स अपनी अनर्गल टिप्पणियों की वजह से सुर्खियों में आए हैं.
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नई दिल्ली. विवाद आधुनिक खेलों का एक अहम हिस्सा हो चुके हैं और 'सज्जन खेल' कहा जाने वाला क्रिकेट भी कोई अपवाद नहीं है. कई ऐसे मौके आए हैं, जब क्रिकेटर्स अपनी अनर्गल टिप्पणियों की वजह से सुर्खियों में आए हैं.
हम कुछ उदाहरणों पर एक नजर डालते हैं जहां क्रिकेटरों ने सार्वजनिक रूप से ऐसी बातें कही हैं जिन्हें कभी नहीं कहनी चाहिए थी.
वीरेंद्र सहवाग - "अकेले धोनी की कप्तानी ने भारत को विश्व कप नहीं जिताया"
सहवाग के करियर के अंतिम पड़ाव में, उनके और महेंद्र सिंह धोनी के बीच तनाव की खबरें काफी सामान्य थीं. उन्होंने भारतीय कप्तान के रूप में धोनी की सफलता को कम करने की लगातार कोशिश की पर उन्होंने जब धोनी की कप्तानी पर प्रश्न चिन्ह लगाया तो सब भौचक्के रह गए.
एक इंटरव्यू में सहवाग ने कहा था, "मुझे नहीं पता कि दूसरे क्या महसूस करते हैं, लेकिन जब तक एमएस धोनी ने कार्यभार संभाला, हमारे पास पहले से ही एक बहुत मजबूत टीम थी. इसलिए उनकी कप्तानी ने भारत के लिए विश्व कप नहीं जीता. हमारे पास पहले से ही एक बहुत मजबूत टीम थी, इसलिए हमने टी 20 विश्व कप और एक दिवसीय विश्व कप जीता. अगर आपके पास अच्छी टीम है, तो आप जीतते हैं. यह आसान है".
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हार्दिक पांड्या - "सेक्सिस्ट टिप्पणी"
हार्दिक पांड्या ने एक टीवी शो में कहा था, "जब मैंने अपना कौमार्य खो दिया, तो मैंने घर आकर कहा - मैंने आज सेक्स किया. एक पार्टी में मेरे माता-पिता ने मुझसे पूछा तेरी वाली (महिला) कौन सी है (जिसमें तुम्हारी रुचि है?) तो मैंने कहा यार, ये, ये (महिलाओं की ओर इशारा करते हुए) और वे इस बात पर गर्व महसूस कर रहे थे" - हार्दिक पंड्या की ये टिप्पणी काफी विवादास्पद साबित हुई जिसके लिए सोशल मीडिया पर उनकी जमकर ट्रोलिंग हुई. यही नहीं उनके करीयर पर भी कुछ समय के लिए ग्रहण लग गया था क्योंकि बीसीसीआइ ने उन्हें कुछ समय के लिए बैन कर दिया था.
कोहली की 'भारत छोड़ो' टिप्पणी
"जो भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का समर्थन नहीं करते उन्हें भारत में नहीं रहना चाहिए": विराट कोहली ने 2018 में एक ट्वीट में जब ये कहा तो पूरे हिंदुस्तान में काफी हलचल हो गयी. काफी उदारवादी विचारकों ने उनके इस कमेंट की कड़ी आलोचना की. जब सोशल मीडिया पर उनकी निंदा बढ़ने लगी तो विराट को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने ट्वीट करके फैन्स से अपनी गलती की माफी मांगी.
विनोद कांबली - "सचिन मुझे भूल गए"
हैरिस शील्ड टूर्नामेंट ने भारतीय टीम को दो क्रिकेट रत्न प्रदान किए. एक तो क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर हैं और दूसरे बाएं हाथ के बल्लेबाज, विनोद कांबली. अपने शुरुआती दिनों में, कांबली ने सचिन को पीछे छोड़ दिया था. पर, अनुशासनात्मक मुद्दों के कारण कांबली लम्बे समय तक भारतीय टीम में टिके न रह सके. देखते ही देखते उनका करियर पटरी से उतर गया, ऐसे समय में अपनी कुंठाओं के कारण, कांबली ने शराब और ड्रग्स की मदद ली जिसके प्रभाव में आने के बाद उन्होंने अपने सबसे अच्छे दोस्त, सचिन तेंदुलकर को अपनी दयनीय स्थिति के लिए दोषी ठहराया.
एक रियलिटी टेलीविजन शो में, कांबली ने यह भी स्वीकार किया कि जब सचिन ने अपने रिटायरमेंट भाषण में उनके नाम का उल्लेख नहीं किया तो वे चौंक गए थे. कुछ हफ्तों के लिए, दोनों खिलाड़ियों के बीच टूटी हुई दोस्ती एक राष्ट्रीय बहस बन गई थी पर अच्छी बात यह है कि दोनो अब फिर से अच्छे दोस्त बन गए हैं.