एक भाई धरती पर था, जुड़वां अंतरिक्ष में...दोनों की बायोलॉजी में क्‍या अंतर दिखा?
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एक भाई धरती पर था, जुड़वां अंतरिक्ष में...दोनों की बायोलॉजी में क्‍या अंतर दिखा?

Sunita Williams in Space: जब कोई शख्‍स धरती से अंतरिक्ष में जाता है तो उसकी बॉडी में क्‍या परिवर्तन आते हैं? इसका पता लगाने के लिए नासा ने जुड़वां भाइयों पर रिसर्च किया.

एक भाई धरती पर था, जुड़वां अंतरिक्ष में...दोनों की बायोलॉजी में क्‍या अंतर दिखा?

सुनीता विलियम्‍स (Sunita Williams) कब धरती पर लौटेंगी? ऐसा इसलिए क्‍योंकि उनकी यात्रा अनपेक्षित कारणों से लंबी होती जा रही है. वह पांच जून को अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन (ISS) के लिए गई थीं और उनको 13 जून को लौटना था लेकिन तमाम तकनीकी कारणों के कारण वो यात्रा लंबी होती जा रही है. इस सवाल के साथ एक बात ये उठ रही है कि यदि लंबे समय तक अंतरिक्ष में यात्रियों को रुकना पड़े तो उनकी बॉडी/बायोलॉजी में क्‍या परिवर्तन होते हैं? इस बारे में नासा ट्विंस स्‍टडी काफी फेमस है. 

Nasa Twins Study
जब कोई शख्‍स धरती से अंतरिक्ष में जाता है तो उसकी बॉडी में क्‍या परिवर्तन आते हैं? इसका पता लगाने के लिए नासा ने जुड़वां भाइयों पर रिसर्च किया. इसके लिए कुछ साल पहले 2015 में एक साल के लिए अंतरिक्ष यात्री स्‍कॉट केली को अंतरिक्ष में भेजा गया. उन्‍होंने 2016 तक अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक साल बिताया. उसी अवधि के दौरान उनके  जुड़वां भाई मार्क केली (पूर्व अंतरिक्ष यात्री और वर्तमान एरिजोना का प्रतिनिधित्व करने वाले अमेरिकी सीनेटर) धरती पर ही रहे. 

अंतरिक्ष में स्‍कॉट से एकत्र किए गए रक्त के नमूनों की जांच की गई और अंतरिक्ष उड़ान से पहले, उसके दौरान और बाद में पृथ्वी पर उसके आनुवंशिक रूप से मेल खाने वाले जुड़वां की जांच की गई. ये पाया गया कि स्कॉट के टेलोमेरेस (गुणसूत्रों के सिरों पर सुरक्षात्मक टोपी) अंतरिक्ष में रहने के दौरान काफी अप्रत्याशित रूप से लंबे हो गए. हालांकि जब स्कॉट पृथ्वी पर लौटे तो उनके टेलोमेरेस जल्दी ही छोटे हो गए. अगले महीनों में उनके टेलोमेरेस ठीक हो गए. हालांकि वो पहले की तुलना में अधिक छोटे हो गए. 

वैसे जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, तनाव सहित कई कारकों के कारण आपके टेलोमेरेस छोटे हो जाते हैं. आपके टेलोमेरेस की लंबाई उम्र से संबंधित स्थितियों जैसे मनोभ्रंश, हृदय रोग और कैंसर के विकास के लिए आपके जोखिम के जैविक संकेतक के रूप में काम कर सकती है.

एक अलग अध्ययन में अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने के मिशन पर 10 अंतरिक्ष यात्रियों के एक समूह का अध्ययन किया. इस बीच आयु और लिंग-मिलान प्रतिभागियों का एक नियंत्रण समूह भी था जो जमीन पर रुके रहे. उनकी अंतरिक्ष उड़ान से पहले उसके दौरान और बाद में टेलोमेरेस की लंबाई मापी और फिर पाया कि अंतरिक्ष उड़ान के दौरान टेलोमेरेस लंबे थे और फिर पृथ्वी पर लौटने पर छोटे हो गए. कुल मिलाकर, अंतरिक्ष उड़ान के बाद अंतरिक्ष यात्रियों के टेलोमेर पहले की तुलना में अधिक छोटे थे.

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अंतरिक्ष में नागरिक
इसी तरह एक नई स्‍टडी में स्पेसएक्स के 2021 इंस्पिरेशन4 मिशन पर चालक दल के टेलोमेरेस का अध्ययन किया गया. इस मिशन में पहला सर्व-नागरिक दल था. मिशन के दौरान चालक दल के सभी सदस्यों के टेलोमेर लंबे हो गए, और पृथ्वी पर वापस आने के बाद चार अंतरिक्ष यात्रियों में से तीन के टेलोमेर छोटे हो गए.

निष्कर्षों के बारे में विशेष रूप से दिलचस्प बात यह है कि इंस्पिरेशन4 मिशन केवल तीन दिनों तक चला. इसलिए, वैज्ञानिकों के पास अब न केवल अंतरिक्ष उड़ान के प्रति टेलोमेर की प्रतिक्रिया पर व्‍यवस्थित और विश्‍वसनीय डेटा है, बल्कि हम यह भी जानते हैं कि यह परिवर्तन तीव्रता से होता है. इन परिणामों से पता चलता है कि अंतरिक्ष में वीकेंड की छुट्टी जैसी छोटी यात्राएं भी टेलोमेर की लंबाई में बदलाव से जुड़ी होंगी.

वैज्ञानिक अभी भी टेलोमेर की लंबाई में इस तरह के बदलावों के स्वास्थ्य प्रभावों को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं. यह पता लगाने के लिए और अधिक रिसर्च की आवश्यकता होगी कि लंबे और छोटे दोनों टेलोमेर किसी अंतरिक्ष यात्री के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.

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