Panda Breeding: आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन के जरिए चीन में पांडा के दो बच्चे का जन्म हुआ. अब इस तकनीकी को रेड लिस्ट में शामिल जानवरों के लिए उम्मीद के किरण के तौर पर देखा जा रहा है.
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Artificial Insemination in animals: सभी देश जीवों की संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने के लिए तरह-तरह के प्रोग्राम चला रहे हैं क्योंकि खाद्य श्रृंखला को सही स्थिति में रखने के लिए ये जरूरी है कि सभी जीव-जंतु अपनी-अपनी जगह पर सही संख्या में उपस्थित रहे. लेकिन जंगलों की अंधाधुन कटाई और जानवरों का बड़े पैमाने पर शिकार, इन तमाम कारणों ने खाद्य श्रृंखला को बाधित करने का काम किया है. इस वजह से खाद्य श्रृंखला गड़बड़ ही नहीं हुई, बल्कि जीवों की कई प्रजातियां संकट के दौर में पहुंच गई. इस बीच चीन में हुई एक रिसर्च से एकबार फिर से उन जीवों का बचाए जाने की संभावना बन रही है.
क्या है रिसर्च में
चीन ब्रीडिंग सेंटर ने आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन के जरिए जाइंट पांडा ने दो बच्चों का जन्म कराया है. आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इसेमिनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है. जिसके जारिए कृत्रिम रूप से किसी जीव को गर्भधारण कराया जाता है. जाइंट पांडा ने एक नर और एक मादा को जन्म दिया. जिस पांडा ने इन बच्चों को जन्म दिया है उसका नाम क्विन-क्विन हैं. क्विन-क्विन का भी जन्म ब्रीडिंग सेंटर में ही हुआ था. इससे पहले क्विन-क्विन ने 2020 में दो मादा पांडा को जन्म दिया था. जंगली पांडा की आबादी अब धीरे-धीरे बढ़ी रही है. जो करीब 1,800 तक पहुंच चुकी है. आपको बता दें कि चीन ने साल 2021 में पांडा को रेड लिस्ट से बाहर करने की अपील की थी.
संकटग्रस्त जीवों के लिए उम्मीद की किरण
पांडा को साल 1990 में लुप्ट होने की सूची में शामिल किया गया था. अब चीन की इस रिसर्च को संकटग्रस्त जीवों के लिए फायदे के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा कि आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन के जरिए अन्य जीवों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है. आपको बता दें कि पांडा को साल 1961 में WWF (World Wide Fund for Nature) के लोगो के रूप में मान्यता दी गई थी.
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