Mangal Grah: कभी पानी से लबालब था मंगल, फिर बंजर कैसे हो गया लाल ग्रह? रिसर्च में सामने आ गया सच
Advertisement
trendingNow12186235

Mangal Grah: कभी पानी से लबालब था मंगल, फिर बंजर कैसे हो गया लाल ग्रह? रिसर्च में सामने आ गया सच

Mangal Grah par Pani: मंगल ग्रह कभी पानी से लबालब माना जाता था. फिर वह बंजर कैसे हो गया. आखिर उसका पानी कहां चला गया. लेटेस्ट सर्वे में इसका सच सामने आ गया है. 

 

Mangal Grah: कभी पानी से लबालब था मंगल, फिर बंजर कैसे हो गया लाल ग्रह? रिसर्च में सामने आ गया सच

Mars News in Hindi: सौरमंडल में क्या पृथ्वी के नजदीकी ग्रह मंगल पर पानी है या नहीं, यह सवाल लोगों के मन में अक्सर उठता रहा है. हाल में सामने आई वैज्ञानिक रिपोर्ट के मुताबिक मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी थी, जिसके चलते वहां पर लाखों साल तक जीवन संभव था. वहां पर पृथ्वी के आरंभिक दिनों की तरह महासागर, झीलें और नदियां थीं, जो बाद में धीरे- धीरे लुप्त होती चली गईं. इसी के साथ वहां से जीवन भी हमेशा के लिए खत्म हो गया. 

बंजर कैसे हो गया मंगल ग्रह?

सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक मंगल ग्रह पर धीरे-धीरे जलवायु बदलती चली गई, जिसकी वजह से लाल ग्रह बंजर बन गया. मंगल ग्रह से पानी कैसे गायब हुआ, इस बारे में कई थ्योरीज हैं. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह का वायुमंडल पतला होने की वजह से वहां का पानी धीरे- धीरे अंतरिक्ष में भाप बनकर उड़ गया. वहीं कई वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पानी उड़ा नहीं बल्कि ग्रह की मोटी परत के भीतर फंस गया, जिससे वहां बर्फीली पर्माफ्रॉस्ट परत बन गई.

कितने साल पहले गायब हो गया पानी?

परंपरागत रूप से, वैज्ञानिकों का मानना ​​था कि लगभग 3.7 से 2.9 अरब वर्ष पहले, हेस्पेरियन काल के दौरान मंगल ग्रह ने अपना पानी खो दिया था. हालांकि, हाल के कुछ निष्कर्षों से पता चलता है कि यह पानी हेस्पेरियन काल के अंत तक बना रहा होगा.

WION की रिपोर्ट के मुताबिक यूके के इंपीरियल कॉलेज की एक रिसर्च टीम को ऐसे संकेत मिले हैं कि मंगल ग्रह के भूमध्य रेखा के ठीक दक्षिण में 154 किमी व्यास वाले बेसिन में पानी प्रचुर मात्रा में था, जिसे गेल क्रेटर कहा जाता था. हालांकि बाद में पानी गायब हो जाने की वजह से वह ग्रह शुष्क और दुर्गम हो गया. 

मंगल ग्रह पर पानी क्यों मायने रखता है?

शोधकर्ताओं के अनुसार, रिसर्च में निकले निष्कर्षों से हमें मंगल ग्रह की बदलती जलवायु के बारे में पता चलता है. इससे हमें यह भी पता चलता है कि हम मंगल ग्रह पर रह भी सकते हैं या नहीं. अगर वहां पर पानी की मौजूदगी के संकेत मिल जाते हैं तो पृथ्वी के बाद वह दूसरा ग्रह होगा, जहां पर जीवों के पनपने की संभावना बन जाएगी. 

यूके के इंपीरियल कॉलेज के रिसर्चर ने क्यूरियोसिटी रोवर से हुई जांच में मिले डेटा का इस्तेमाल किया. इस दौरान उन्होंने मंगल के रेगिस्तानी बलुआ पत्थर में विकृत परतें देखीं, जिनके बारे में उनका कहना है कि केवल पानी से ही इसका निर्माण हुआ होगा.

क्यों गायब हो गया मंगल का पानी?

जियोलॉजी में प्रकाशित इस रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ. स्टीवन बनहम ने कहा कि "बलुआ पत्थर से पता चला है कि पानी शायद पहले की तुलना में हाल ही में और लंबे समय तक प्रचुर मात्रा में था. लेकिन फिर यह पानी गायब कहां हो गया, यह शोध करने लायक बात है. 

डॉ. स्टीवन बनहम ने कहा, मंगल ग्रह के बलुआ पत्थरों में दिखा यह पानी दबावयुक्त तरल पदार्थ हो सकता है, जो ग्रह की परतों में जाकर विकृत हो गया या जम गया है. ऐसा भी हो सकता है कि वह पानी बार-बार जमा हो या पिघल गया हो. कई बार तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से भी ऐसी दिक्कतें आ सकती हैं. 

Trending news