City killers & Half Giraffes: डरावने एस्टेरॉयड को लेकर वैज्ञानिकों का खुलासा, सामने आई ये हैरान करने वाली जानकारी
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City killers & Half Giraffes: डरावने एस्टेरॉयड को लेकर वैज्ञानिकों का खुलासा, सामने आई ये हैरान करने वाली जानकारी

Science News: एस्टेरॉयड निश्चित रूप से लोगों की कल्पनाओं में रहते हैं, तभी तो यह कई हॉलीवुड फिल्मों में दिखाई देते हैं, जिनमें यह दिखाया जाता है कि यदि कोई बड़ा ग्रह पृथ्वी से टकराता है तो कितना विनाश हो सकता है. अब इसे लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है.

City killers & Half Giraffes: डरावने एस्टेरॉयड को लेकर वैज्ञानिकों का खुलासा, सामने आई ये हैरान करने वाली जानकारी

Asteroids Analysis: एस्टेरॉयड (asteroids) को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है. कर्टिन यूनिवर्सिटी (Curtin University) के रिसर्च के मुताबिक एस्टेरॉयड हमारे सौर मंडल के निर्माण के बाद बचे चट्टानों के टुकड़े हैं. करीब चार मीटर से अधिक व्यास वाले लगभग आधा अरब एस्टेरॉयड (Asteroids) सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं, जो हमारे सौर मंडल से लगभग 30 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से गुजरते हैं यानी लगभग पृथ्वी के समान गति से.

‘गॉड ऑफ कैओस’ 

एस्टेरॉयड निश्चित रूप से लोगों की कल्पनाओं में रहते हैं, तभी तो यह कई हॉलीवुड फिल्मों में दिखाई देते हैं, जिनमें यह दिखाया जाता है कि यदि कोई बड़ा ग्रह पृथ्वी से टकराता है तो कितना विनाश हो सकता है. लगभग हर हफ्ते हम ऑनलाइन सुर्खियां देखते हैं जिनमें एस्टेरॉयडों को ‘बस’, ‘ट्रक’, ‘वेंडिंग मशीन’, ‘आधे जिराफ़’ और कई बार ‘पूरे जिराफ’ के आकार का बताया जाता है. हमारे पास एस्टेरॉयडों के बारे में ‘सिटी किलर’, ‘प्लैनेट किलर’ और ‘गॉड ऑफ कैओस’ जैसे विशेषण भी हैं.

वास्तविक है खतरा

निःसंदेह, एस्टेरॉयडों से पैदा हुए खतरे वास्तविक हैं. यह सबको पता है कि लगभग छह करोड़ 50 लाख वर्ष पहले, पृथ्वी पर संभवतः एक बड़े एस्टेरॉयड के प्रभाव के कारण जीवन घुटनों पर आ गया था, जिससे अधिकांश डायनासोर मारे गए थे. लेकिन मीडिया वर्णन से परे, संख्याओं के हिसाब से जोखिम क्या हैं? कितने एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराए और हम कितने एस्टेरॉयडों के हमारे पास से गुज़रने की उम्मीद कर सकते हैं? सीधे प्रहार का खतरा क्या है?

सबसे बड़ा खुलासा

बड़े एस्टेरॉयडों की तुलना में कहीं अधिक छोटे एस्टेरॉयड हैं, और छोटे एस्टेरॉयड बड़े एस्टेरॉयडों की तुलना में बहुत कम नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए, पृथ्वी छोटे एस्टेरॉयडों के साथ लगातार लेकिन कम प्रभाव वाली टक्करों का अनुभव करती है, और बड़े एस्टेरॉयडों के साथ दुर्लभ लेकिन उच्च प्रभाव वाले टकरावों का अनुभव करती है. ज्यादातर मामलों में, सबसे छोटे एस्टेरॉयड पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने पर काफी हद तक टूट जाते हैं, और सतह तक भी नहीं आ पाते हैं.

जब एक छोटा एस्टेरॉयड (या उल्कापिंड, एस्टेरॉयड से छोटी वस्तु) पृथ्वी के वायुमंडल से टकराता है, तो यह एक चमकीला ‘‘आग का गोला’’ बना जाता है - एक शूटिंग स्टार या उल्का का एक बहुत लंबे समय तक चलने वाला और उजला संस्करण. यदि वस्तु का कोई बचा हुआ टुकड़ा जमीन से टकराता है, तो उसे उल्कापिंड कहा जाता है. अधिकांश वस्तु वायुमंडल में जल जाती है.

कितने एस्टेरॉयड पृथ्वी के ठीक पास से गुजरते हैं?

एक बहुत ही सरल गणना आपको यह समझ देती है कि आप कितने एस्टेरॉयडों के हमारे ग्रह के करीब आने की उम्मीद कर सकते हैं. उदाहरण के लिए हर साल में एक बार औसतन, चार मीटर का एस्टेरॉयड पृथ्वी की सतह से टकराता है. अगर आपने यदि आपने उस सतह क्षेत्र को दोगुना कर दिया, तो आपको प्रति वर्ष दो मिलेंगे. पृथ्वी की त्रिज्या 6,400 किमी है. दोगुने सतह क्षेत्रफल वाले एक गोले की त्रिज्या 9,000 किमी है. तो, प्रति वर्ष लगभग एक बार, चार मीटर का एस्टेरॉयड पृथ्वी की सतह के 2,600 किमी के भीतर आएगा - 9,000 किमी और 6,400 किमी के बीच का अंतर.

सतह क्षेत्र को फिर से दोगुना करें और आप पृथ्वी की सतह के 6,400 किमी के भीतर प्रति वर्ष दो की उम्मीद कर सकते हैं, इत्यादि. यह करीबी दृष्टिकोण के हालिया रिकॉर्ड से काफी मेल खाता है.

मुट्ठी भर मीटर आकार की वस्तुओं के लिए कुछ हजार किलोमीटर बहुत बड़ी दूरी है, लेकिन मीडिया की नजरों में आने वाले अधिकांश एस्टेरॉयड बहुत अधिक दूरी से गुजर रहे हैं.

खगोलशास्त्री चंद्रमा के करीब से गुजरने वाली किसी भी चीज को - लगभग 300,000 किमी - ‘नजदीकी’ मानते हैं. एक खगोलशास्त्री के लिए ‘करीब’ आम तौर पर वह नहीं है जिसे कोई आम आदमी ‘करीब’ कहेगा.

2022 में 126 नज़दीक थे, और 2023 में हमारे पास अब तक 50 हैं.

अब, वास्तव में बड़े एस्टेरॉयडों पर विचार करें, जिनका व्यास एक किलोमीटर से भी बड़ा है. ऊपर जैसा अत्यधिक सरलीकृत तर्क लागू किया जा सकता है. प्रत्येक ऐसे प्रभाव के लिए जो सभ्यता को खतरे में डाल सकता है, लगभग हर पांच लाख वर्ष में एक बार होने पर, हम उसी अवधि में हजारों के चूकने (चंद्रमा से भी करीब) की उम्मीद कर सकते हैं.

ऐसी घटना 2029 में होगी, जब एस्टेरॉयड 153814 (2001 डब्ल्यूएन5) पृथ्वी से 248,700 किमी दूर से गुजरेगा.

हम खतरों का आकलन कैसे करते हैं और हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं?

अनुमान है कि एक किलोमीटर से बड़े आकार के लगभग 95% एस्टेरॉयड पहले ही खोजे जा चुके हैं, और शेष 5% के लिए आसमान में लगातार खोज की जा रही है. जब कोई नया पाया जाता है, तो खगोलशास्त्री पृथ्वी पर किसी भी खतरे का आकलन करने के लिए व्यापक अवलोकन करते हैं.

टोरिनो स्केल भविष्य में 100 साल तक के अनुमानित खतरों को वर्गीकृत करता है, स्केल 0 (कोई खतरा नहीं) से 10 (बड़ी वस्तु के साथ निश्चित टकराव) तक होता है.

वर्तमान में, सभी ज्ञात वस्तुओं की रेटिंग शून्य है. आज तक किसी भी ज्ञात वस्तु की रेटिंग 4 से ऊपर नहीं है (एक करीबी मुठभेड़, खगोलविदों द्वारा ध्यान देने योग्य).

इसलिए, जिराफ, वेंडिंग मशीन या ट्रकों के बारे में सुनने के बजाय, हम वास्तव में मीडिया से जो जानना चाहते हैं वह टोरिनो स्केल पर एक एस्टेरॉयड की रेटिंग है.

आखिरी में, तकनीक इस हद तक आगे बढ़ गई है कि अगर हमें कभी टोरिनो स्केल पर बड़ी संख्या का सामना करना पड़े तो हमारे पास कुछ करने का मौका है. हाल ही में, डार्ट मिशन ने एक अंतरिक्ष यान को एस्टेरॉयड से टकरा दिया, जिससे उसका प्रक्षेप पथ बदल गया. भविष्य में, यह प्रशंसनीय है कि इस तरह की कार्रवाई, पर्याप्त समय के साथ, पृथ्वी को टकराव से बचाने में मदद कर सकती है.

(इनपुट: न्यूज़ एजेंसी भाषा)

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