कौन हैं आशुतोष महाराज? जिनके लौटने की उम्‍मीद में 10 साल से फ्रीजर में रखा है शव
Advertisement
trendingNow12099615

कौन हैं आशुतोष महाराज? जिनके लौटने की उम्‍मीद में 10 साल से फ्रीजर में रखा है शव

Ashutosh Maharaj Latest News: दिव्‍य ज्‍योति जागृत संस्‍थान के संस्‍थापक आशुतोष महाराज एक बार फिर से चर्चा में हैं. 10 साल से फ्रीजर में उनका शव रखा हुआ है और उनकी वापसी कराने के लिए हाल में उनकी शिष्‍या आशुतोषांबरी ने समाधि ले ली है. 

कौन हैं आशुतोष महाराज? जिनके लौटने की उम्‍मीद में 10 साल से फ्रीजर में रखा है शव

Who is Ashutosh Maharaj: 28 जनवरी को लखनऊ में दिव्‍य ज्‍योति जागृत संस्‍थान के संस्‍थापक आशुतोष महाराज की शिष्‍या मां आशुतोषांबरी ने समाधि ले ली. ताकि उनके गुरु आशुतोष महाराज अपनी शिष्‍या के जरिए भौतिक शरीर में वापस आ सकें. आशुतोष महाराज का शव 10 साल से फ्रीजर में बंद है. उनके शिष्‍यों का कहना है कि आशुतोष महाराज 10 साल से समाधि में हैं. कहा जा रहा है कि आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्‍या आशुतोषांबरी को आंतरिक संदेश भेजा था कि वे (आशुतोषांबरी) समाधि ले लें उन्‍हें (आशुतोष महाराज) समाधि से जगाकर भौतिक शरीर में वापस लाकर उनकी चेतना जागृत करें. इसके बाद शिष्‍या आशुतोषांबरी ने 28 जनवरी 2024 को सभी के सामने समाधि ले ली. 

10 साल से फ्रीजर में क्‍यों रखा है शव? 

28 जनवरी 2014 को आशुतोष महाराज को सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद उन्‍हें लुधियाना के सद्गुरु प्रताप अपोलो अस्‍पताल ले जाया गया, जहां उन्‍हें मृत घोषित कर दिया गया. उसके बाद से आज तक आशुतोष महाराज का शव फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया है. खबरों के मुताबिक आशुतोष महाराज ने समाधि लेते समय अपने शिष्‍यों से कहा था कि वे अपने शरीर में फिर से लौटकर आएंगे. तब से उनके भक्‍तों ने उनका शव पंजाब राज्‍य के जालंधर शहर में स्थित नूर महल में सुरक्षित रखा है. जहां 24 घंटे उनके भक्‍त शव की सुरक्षा में तैनात रहते हैं. आशुतोष महाराज के शिष्‍य उनकी इस सम‍ाधि को ब्रह्मज्ञान साधना बताते हैं. 

कौन हैं आशुतोष महाराज? 

आशुतोष महाराज का जन्‍म 1946 को बिहार के मधुबनी में हुआ था. उनका नाम महेश कुमार झा था. शादी के कुछ ही महीनों बाद उन्‍होंने अपनी पत्‍नी और एक बच्‍चे को छोड़कर सतपाल महाराज से दीक्षा ले ली थी. सतपाल महाराज मानव उत्‍थान सेवा समिति के संस्‍थापक हैं. इसके बाद आशुतोष महाराज गांवों में जाकर सत्‍संग करने लगे. दीक्षा लेने के कुछ समय बाद ही आशुतोष महाराज ने अपना एक अलग संस्‍थान दिव्‍य ज्‍योति जागृत संस्‍थान बना लिया. साथ ही उन्‍होंने जालंधर में इस संस्‍थान का आश्रम बनाया, जो करीब 40 एकड़ से ज्‍यादा जमीन पर फैला है. जिसके देश में करीब 350 आश्रम हैं. विदेशों में भी इस संस्‍थान के कई आश्रम हैं. 

दिसंबर 2009 में लुधियाना में आशुतोष महाराज के शिष्‍यों और सिख समूहों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद केंद्र सरकार ने आशुतोष महाराज को जेड प्‍लस सुरक्षा दी थी. बाद में इसे जेड श्रेणी में बदल दिया गया था.  

Trending news