Vaishakh Month 2023: जानिए कब से शुरु हो रहा है वैशाख माह? इस महीने कर लें ये उपाय; बनेंगे सारे बिगड़े काम
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Vaishakh Month 2023: जानिए कब से शुरु हो रहा है वैशाख माह? इस महीने कर लें ये उपाय; बनेंगे सारे बिगड़े काम

Vaishakh Month 2023 Vrat: मान्यताओं के अनुसार वैशाख माह में ही त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था.  जिसमें भगवान विष्णु ने रामावतार प्रकट हुआ था.  वैशाख माह को  माधवमास भी कहते हैं, जिसका अर्थ है भगवान श्रीकृष्ण का मास. 

 

वैशाख मास

Vaishakh Month Significance: हिंदू पंचाग के अनुसार वैशाख का महीना दूसरा महीना  होता है. मान्यताओं के अनुसार वैशाख माह में ही त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था.  जिसमें भगवान विष्णु ने रामावतार प्रकट हुआ था.  वैशाख माह को  माधवमास भी कहते हैं, जिसका अर्थ है भगवान श्रीकृष्ण का मास. श्रीकृष्ण का दूसरा नाम माधव है. धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो वैशाख माह का बड़ा महत्व है. इस माह में  अक्षय तृतीया, बरुथिनी और मोहिनी एकादशी, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, वैशाख अमावस्या और वैशाख पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार हैं. जानते हैं कि वैशाख माह में कौन से ऐसे काम हैं, जिनको करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन सुखमय होता है.

कब शुरू हो रहा है वैशाख मास 

पंचाग के अनुसार, वैशाख मास का आरंभ पूर्णिमा के हिसाब से 7 अप्रैल से और संक्रांति के हिसाब से 15 अप्रैल आरंभ माना जाता है. क्योंकि, चैत्र मास का समापन संक्रांति के बाद से माना जाता है. जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के बाद से वैशाख मास का आरंभ होता है जो इस बार 7 अप्रैल से है. ऐसे में वैशाख मास का आरंभ 7 अप्रैल से हो रहा है. 

वैशाख मास का महत्व 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास में भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. साथ ही इस मास में स्नान दान करना शुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार अगर आप  इस मास में पूजा पाठ करते हैं तो अपने कष्टों से मुक्ति मिलती है. 

करें ये काम 

- वैशाख माह भगवान माधव से जुड़ा है. इस माह में आप भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करें और उनके मंत्र ओम माधवाय नम: मंत्र का जाप करें. इससे आपके जीवन में सुख- शांति बनी रहेगी और कभी भी धन- समृद्धि में कमी नहीं आएगी. विष्णु पूजा में पंचामृत और तुलसी के पत्तों का उपयोग अवश्य करें.

- वैशाख के महीने में गीता का पाठ करना और वैशाख माह की कथा सुनना बड़ा ही पुण्य फल प्रदान करने वाला माना जाता है.

- वैशाख अमावस्या का दिन बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है. इस दिन स्नान के बाद पितरों के लिए जल से तर्पण, पिंडदान आदि करें. दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. ऐसे में आप वैशाख अमावस्या पर पूजा से शनि दोष और पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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