Rudraksh Ke Niyam: ऐसे लोग गलती से भी धारण न करें रुद्राक्ष, रुष्ट हो जाएंगे महादेव; परिवार को झेलने पड़ सकते हैं संकट
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Rudraksh Ke Niyam: ऐसे लोग गलती से भी धारण न करें रुद्राक्ष, रुष्ट हो जाएंगे महादेव; परिवार को झेलने पड़ सकते हैं संकट

Rules for wearing Rudraksh: शरीर में गले या हाथ में रुद्राक्ष धारण करना अच्छा माना गया है. हालांकि कुछ लोगों को भूलकर भी यह माला नहीं पहननी चाहिए. ऐसा करने से परिवार पर संकट का दौर शुरू हो सकता है. 

Rudraksh Ke Niyam: ऐसे लोग गलती से भी धारण न करें रुद्राक्ष, रुष्ट हो जाएंगे महादेव; परिवार को झेलने पड़ सकते हैं संकट

Rudraksh Dharan Karne Ke Niyam: सनातन धर्म में रुद्राक्ष (Rudraksh) की माला को काफी महत्व दिया गया है. कहा जाता है कि रुद्राक्ष का निर्माण भगवान शंकर (Lord Shiva) के आंसुओं से हुआ है, इसलिए इसे महादेव का आभूषण भी माना जाता है. मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला धारण करने से कई तरह के शारीरिक और मानसिक लाभ हासिल होते हैं. हालांकि इसे मनमर्जी से हर कोई धारण नहीं कर सकता. इसे पहनने के कुछ खास नियम बताए गए हैं, जिनके बारे में हमें जान लेना चाहिए वरना अर्थ का अनर्थ होते देर नहीं लगती. 

ये लोग न धारण करें रुद्राक्ष 

मांसाहार का सेवन करने वाले

धार्मिक विद्वानों के मुताबिक जो लोग मांसाहार का सेवन करते हैं, उन्हें रुद्राक्ष (Rudraksha) धारण नहीं करना चाहिए. ऐसा न करने पर रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है, जिसके चलते परिवार को अनेक संकटों का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोग अगर रुद्राक्ष पहनना ही चाहते हैं तो उन्हें पहले स्मोकिंग नॉन-वेज भोजन का त्याग कर देना चाहिए. 

श्मशान घाट में जाते वक्त

श्मशान घाट में रुद्राक्ष (Rudraksh Dharan Karne Ke Niyam) पहनकर जाना अशुभ माना जाता है. इसलिए आप जब भी किसी की मृत्यु होने पर श्मशान घाट जाएं तो इस बात का खास ध्यान रखें कि रुद्राक्ष की माला को घर पर ही उतार जाएंगे. अगर भूलवश आप पहनकर चले भी गए तो श्मशान घाट ें प्रवेश से पहले उसे उतारकर जेब में जरूर रख लें. 

सोते समय न पहनें रुद्राक्ष

रात को सोते समय रुद्राक्ष (Rudraksh) को हमेशा उतार देना चाहिए. आप इसे उतारकर अपने सिरहाने या तकिए के नीचे रख सकते हैं. ऐसा करने से रात में बुरे सपने दूर रहते हैं और नींद भी अच्छी आती है. जिन लोगों को रात में डर सताता है, उन्हें भी रुद्राक्ष के सिरहाने होने से फायदा मिलता है. 

बच्चे का जन्म होने पर 

सनातनत धर्म की मान्यताओं के अनुसार अगर किसी स्त्री को रुद्राक्ष (Rudraksh Dharan Karne Ke Niyam) धारण करने की सलाह दी गई है तो बच्चे का जन्म होने पर सूतक काल खत्म होने तक उसे रुद्राक्ष उतार देनी चाहिए. यही नहीं, जिस जगह पर नवजात बच्चा और उसकी मां हो, वहां पर भी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को नहीं जाना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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