Putrada Ekadashi 2022: पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता है पुत्रदा एकादशी व्रत, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और पारण समय
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Putrada Ekadashi 2022: पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता है पुत्रदा एकादशी व्रत, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और पारण समय

Putrada Ekadashi 2022 Date: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. सावन की दूसरी एकादशी पुत्रदा एकादशी इस बार कब पड़ रही है जानें. 

 

फाइल फोटो

Putrada Ekadashi Puja Muhurat 2022: सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है. कहते हैं कि एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. हर माह के दोनों पक्षों में एकादशी आती है और सभी एकादशी का अपना अलग महत्व होता है. सावन के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना  जाता है. 

  1. सावन के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं.
  2. इस दिन पुत्र या संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है.
  3. इस बार 8 अगस्त को एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख और पुत्र प्राप्ति की कामना करते हुए रखा जाता है. मान्यता है कि पुत्र या संतान सुख की कामना के लिए सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा पाठ और व्रत करने से भक्तों की मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं. बता दें कि इस बार पुत्रदा एकादशी का व्रत 8 अगस्त, सोमवार के दिन पड़ रहा है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भोलेनाथ की कृपा भी प्राप्त होगी. 

पुत्रदा एकादशी व्रत तिथि 2022

पंचाग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार पुत्रदा एकादशी 8 अगस्त 2022, सोमवार के दिन पड़ रही है. एकादशी तिथि का प्रारंभ 7 अगस्त 2022, रविवार रात 11: 50 से शुरू हो रही है और अगले दिन 8 अगस्त को रात बजे तक एकादशी की तिथि रहेगी. 

पुत्रदा एकादशी पारण समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एकादशी के व्रत में पारण का भी विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि अगर पारण नियमपूर्वक और समय के अनुसार नहीं किया जाता है, तो भक्तों को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता. साथ ही, इस दौरान एकादशी पारण के नियमों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है. बता दें कि पुत्रदा एकादशी के पारण हमेशा शुभ मुहूर्त में  ही किया जाता है. अशुभ मुहूर्त में पारण करने से व्रत का सारा फल निष्फल हो जाता है. बता दें कि सावन पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारण का सही समय 9 अगस्त, मगंलवार सुबह 5 बजकर 46 मिनट से लेकर 8 बजकर 26 मिनट कर है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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