Mahakumbh 2025 Dormitory Facilities: महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं तो ठहरने चिंता न करें, तैयार हुए 25 हजार बेड; जानें रोज का किराया
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Mahakumbh 2025 Dormitory Facilities: महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं तो ठहरने चिंता न करें, तैयार हुए 25 हजार बेड; जानें रोज का किराया

Prayagraj Mahakumbh 2025 Dormitory Bed Facility: अगर आप यूपी के प्रयागराज में 12 साल बाद होने जा रहे महाकुंभ में स्नान के लिए जाना चाह रहे हैं तो ठहने की चिंता बिल्कुल न करें. सरकार ने संगम पर 25 हजार डोरमेट्री बेड तैयार कर दिए हैं. 

Mahakumbh 2025 Dormitory Facilities: महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं तो ठहरने चिंता न करें, तैयार हुए 25 हजार बेड; जानें रोज का किराया

Where to stay in Mahakumbh 2025: प्रयागराज में अगले साल जनवरी में होने जा रहे महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार लगातार इंतजामों में जुटी है. श्रद्धालुओं को सर्दी के कठोर मौसम से बचाने और उन्हें बीमारी से बचाने के लिए तैयारियां अंतिम चरणों में हैं. इसके लिए सीएम योगी ने प्रयागराज में 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया. प्रत्येक आश्रय स्थल में 250 बेड की व्यवस्था है, जहां पर आप आराम से जाकर ठहर सकते हैं. इसके साथ ही महाकुंभ मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र भी शुरू कर दिया गया है. 

प्रयागराज महाकुंभ में 25 हजार बेड्स तैयार

सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन के दौरान तीर्थयात्रियों और आगंतुकों की भारी संख्या को देखते हुए सार्वजनिक आश्रय स्थलों की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है. परंपरागत रूप से तीर्थयात्री और साधु-संत खुले स्थानों या परिसंचरण क्षेत्रों में समय बिताते हैं, जिससे सर्द मौसम में उनके लिए कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 25,000 बेड की कुल क्षमता वाले सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है. इन आश्रय स्थलों का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को न केवल आरामदायक और सुरक्षित ठहराव प्रदान करना है, बल्कि उनकी यात्रा को सुलभ और सुविधाजनक भी बनाना है.

आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं सभी आश्रय स्थल

महाकुंभ के लिए तैयार किए गए सार्वजनिक आश्रय स्थलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. इनमें प्रत्येक आश्रय स्थल पर 250 बेड की क्षमता होगी. बेड के साथ गद्दे, तकिए और साफ चादरें उपलब्ध कराई जाएंगी. पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर की व्यवस्था की गई है. इन आश्रय स्थलों में नियमित सफाई, जिसमें चादरों का परिवर्तन शामिल है, सुनिश्चित की गई है. इसके अलावा, स्वच्छ पेयजल और चौबीस घंटे (24x7) सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं. इन सुविधाओं का उपयोग श्रद्धालु नाममात्र शुल्क पर कर सकेंगे, जिससे महाकुंभ में सभी वर्गों के लोगों को ठहरने का विकल्प मिलेगा.

महाकुंभ में डोरमेट्री बेड्स का किराया

सार्वजनिक आश्रय स्थलों के उपयोग के लिए शुल्क की व्यवस्था सरल और सुलभ रखी गई है. सामान्य दिनों में, श्रद्धालुओं को पहले दिन के लिए 100 रुपये और दो दिन रुकने पर पहले दिन 100 रुपये और दूसरे दिन 200 रुपये का भुगतान करना होगा. मुख्य स्नान पर्व और उसके आसपास के दिनों में, यह शुल्क पहले दिन के लिए 200 रुपये और दो दिन के ठहराव के लिए पहले दिन 200 रुपये और दूसरे दिन 400 रुपये होगा. 
श्रद्धालु नकद या डिजिटल माध्यम (UPI) से भुगतान कर सकते हैं, जिसके बाद उन्हें टिकट जारी किया जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पहल विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए की गई है, जो होटल, गेस्ट हाउस या निजी शिविर का खर्च नहीं उठा सकते. इन सार्वजनिक आश्रय स्थलों से न केवल उनकी यात्रा किफायती बनेगी, बल्कि वे सर्द मौसम में आराम और सुरक्षा का अनुभव भी कर सकेंगे.

कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का उद्घाटन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत प्रयागराज मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का उद्घाटन किया. यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जिससे श्रद्धालुओं की गुमशुदगी संबंधी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सके. इस पहल से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और संगठित अनुभव मिलेगा.

महाकुंभ 2025 को न केवल एक धार्मिक आयोजन के रूप में, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रतीक बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारतवर्ष की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करेगा. यह पहल सर्दी के कठोर मौसम में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुकूनदायक और यादगार अनुभव प्रदान करेगी.

अपने प्रयागराज दौरे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रयागराज नगर निगम द्वारा नैनी के अरैल में बनवाए जा रहे शिवालय पार्क का निरीक्षण किया. पार्क का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया. शिवालय पार्क महादेव को समर्पित एक भव्य स्थल है. करीब 11 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह पार्क विविधताओं से भरपूर है, जिसमें कला, प्रकृति और मनोरंजन का संगम देखने को मिलेगा. महाकुम्भ की शोभा को बढ़ाने के लिए 14 करोड़ की लागत से इस पार्क का निर्माण किया जा रहा है. 

निर्माण कार्य में वेस्ट मटीरियल का किया जा रहा उपयोग

शिवालय पार्क को भारत के मानचित्र के आकार में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें सभी प्रमुख मंदिर उनके मूल स्थानों पर ही बनाए गए हैं, ताकि आगन्तुक तीर्थ यात्रा का अनुभव कर सकें. पार्क में तुलसी वन और संजीवनी वन भी बनाया गया है. बच्चों के लिए अलग जोन बनाया जा रहा है. इसके अलावा पार्क के अंदर फूड कोर्ट और रेस्त्रां भी बनाया जा रहा है. शिवालय थीम पार्क को तैयार कराने में सबसे खास बात है कि इसमें अधिकतर वेस्ट मटीरियल का प्रयोग किया जा रहा है. इसके निर्माण कार्य में जुटी कंपनी जेड टेक इंडिया लिमिटेड के पास ही तीन साल तक इसके रख रखाव की जिम्मेदारी रहेगी.

इन मंदिरों का प्रतिरूप करवाया जा रहा है तैयार

सोमनाथ मंदिर (गिर सोमनाथ, गुजरात)

मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश)

महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश)

ओकारेश्वर मंदिर (खंडवा, मध्य प्रदेश)

बैद्यनाथ मंदिर (देवघर, झारखंड)

भीमाशंकर मंदिर (भीमाशंकर, महाराष्ट्र)

रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)

नागेश्वर मंदिर (द्वारका, गुजरात)

काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)

त्र्यंबकेश्वर मंदिर. नासिक, महाराष्ट्र

केदारनाथ मंदिर (रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड

घृष्णेश्वर मंदिर (औरंगाबाद, महाराष्ट्र)

महत्वपूर्ण शिव मंदिर
बैजनाथ मंदिर - बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश

पशुपतिनाथ मंदिर - काठमांडू, नेपाल
लिंगराज मंदिर - भुवनेश्वर, ओडिशा

वीरभद्र मंदिर - लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश
शोर मंदिर - महाबलीपुरम, तमिलनाडु

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