Masik shivratri 2022: इस दिन है साल 2022 की आखिरी मासिक शिवरात्रि, जान लें तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त
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Masik shivratri 2022: इस दिन है साल 2022 की आखिरी मासिक शिवरात्रि, जान लें तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त

Masik shivratri 2022 in December: पौष महीने की मासिक शिवरात्रि साल 2022 की आखिरी शिवरात्रि होगी. साथ ही यह दिन भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिहाज से बहुत अहम होगी. 

फाइल फोटो

Paush Maas Shivratri in December 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने शिवरात्रि मनाई जाती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहते हैं. मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. अभी पौष मास चल रहा है. पौष मास की मासिक शिवरात्रि 21 दिसंबर 2022, बुधवार को पड़ रही है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्‍यता है कि जो व्‍यक्ति मासिक शिवरात्रि के व्रत करता है और विधि-विधान से पूजा करता है और भोलेनाथ और माता पार्वती दोनों की विशेष कृपा मिलती है. उसके जीवन में कोई कष्‍ट नहीं रहता है, साथ ही सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 

पौष मासिक शिवरात्रि 2022 पूजा मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2022 की आखिरी मासिक शिवरात्रि का व्रत यानी कि पौष माह की शिवरात्रि 21 दिसंबर को पड़ेगी. दरअसल, पौष महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 दिसंबर 2022 की रात 10 बजकर 16 मिनट पर शुरू होकर 22 दिसंबर 2022 की रात 07 बजकर 13 मिनट पर समाप्‍त होगी. चूंकि मासिक शिवरात्रि की पूजा रात में की जाती है इसलिए यह व्रत 21 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा. पौष मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त 21 दिसंबर, बुधवार की रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा कुंडली में चंद्र भी मजबूत करता है. 

मासिक शिवरात्रि पर ऐसे करें पूजा 
 
मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्‍दी स्‍नान करके साफ कपड़े पहनें. हो सके तो सफेद कपड़े पहनें. इसके बाद घर के मंदिर में दीप जलाकर हाथ जोड़ें और व्रत का संकल्‍प लें. दिन में केवल फलाहार करें. फिर शुभ मुहूर्त में पूजा करें. इसके लिए शिवलिंग का गंगा जल, दूध, दही, शहद आदि पंचामृत से अभिषेक करें. शिव जी को बेल पत्र, धतूरा, सफेद फूल और सफेद चंदन अर्पित करें. भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना भी जरूर करें. फल-मिठाई का भोग लगाएं. धूप-दीप करें. इस दौरान 'ऊं नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें. आखिर में भगवान शिव की आरती जरूर करें.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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