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Jai Ganesh Jai Ganesh Deva: गणेश जो को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है. सनातन धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश पूजन के साथ की जाती है. मान्यता है कि इससे व्यक्ति को सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं. बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है. इस दिन विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा और व्रत करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी संकट-कष्ट हर लेते हैं. बुधवार का दिन गणेश जी की उपासना के लिए बेहद उत्तम माना गया है.
इस दिन विधि-विधान से बप्पा की पूजा करना विशेष फलदायी बताया गया है. बता दें कि पूजा के दौरान गणेश जी को उनकी प्रिय चीजें दर्वा, मोदक, सिंदूर आदि जरूर अर्पित करें. इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही, गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)