Chaturmas 2024: आज से 118 दिन रहना होगा सतर्क, गलती से भी कर लिया ये काम तो घेर लेगा धन संकट
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Chaturmas 2024: आज से 118 दिन रहना होगा सतर्क, गलती से भी कर लिया ये काम तो घेर लेगा धन संकट

Chaturmas Rules: देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है. इस बार चातुर्मास की शुरुआत 17 जुलाई से हुई है और इसका समापन 12 नवंबर देवउठनी एकादशी के दिन से होगा. इस अवधि में भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीर सागर में विश्राम के लिए जाते हैं. जानें इस दौरान किन कार्यों को करना आपने जीवन में परेशानियां खड़ी कर सकता है.

 

chaturmas 2024

Chaturmas Mein Na kare Ye Kaam: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. हिंदू शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन चार माह के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और उन्हीं के साथ अन्य देव भी सो जाते हैं. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन श्री हरि और अन्य देव जागते हैं. ऐसे में शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. 

बता दें कि इस बार 17 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत हो गई है और 118 दिनों तक यानि 12 नवंबर के दिन चातुर्मास का समापन होगा. इन चार महीनों में भले ही शुभ और मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं होता. लेकिन इन महीनों में पूरे श्रद्धा भाव के साथ पूजा-पाठ कपना बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इन दिनों में ये 5 कार्य व्यक्ति को धन संकट की ओर ले जाते हैं. इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है. 

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चातुर्मास में न करें ये काम 

- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चातुर्मास में रोका, सगाई, विवाह, मुंडन आदि जैसे शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. ऐसे में इन सब कार्यों को करने से बचना चाहिए. अगर कोई इन दिनों में कोई शुभ काम की शुरुआत करता है, तो वे पूरे नहीं होते या फिर जबरदस्त हानि होती है. 

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दौरान तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. इस दौरान प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, अंडा, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर कोई ऐसा करता है, तो व्यक्ति की कुंडली में दोष उत्पन्न होता है और ग्रहों की नकारात्मक दृष्टि पड़ती है. 

- इसके अलावा, चातुर्मास के चार महीने दही, आचार जैसी कई अन्य वस्तुओं के सेवन की भी मनाही होती है. वहीं, इन दिनों में खटाई, साग, हरि सब्जियां, बैंगन, मूली आदि से भी परहेज करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि सावन में साग, भादो में दही और छाछ, अश्विन माह में आचार और कार्तिक माह में करेला नहीं खाना चाहिए. इससे व्यक्ति को गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. 

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- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चातुर्मास में भूमि खोदना या फिर निर्माण कार्य करने की मनाही होती है. इसलिए चातुर्मास के दौरान भूमि पूजन या फिर भवन की नींव नहीं खोदी जाती. कहते हैं कि इससे व्यक्ति के घर में जल्द ही धन संकट आ जाता  है. 

- वहीं, अगर आप कोई नया व्यापार करने की सोच रहे हैं, तो चातुर्मास में इस काम को टाल देने में ही भलाई होती है. इस दौरान दूर की यात्राएं करने से भी मना किया जाता है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे कर्ज में डूबने में जरा भी समय नहीं लगेगा. 

इसके अलावा, चातुर्मास में वस्त्र धारण करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी बताया गया है. इन दिनों में रेशमी और ऊनी वस्त्रों को धारण करने से बचना चाहिए. कहते हैं कि इन नियमों का उल्लघंन करने से व्यक्ति के पास आया हुआ धन जल्दी वापस चला जाता है. और व्यक्ति को धन संकट का सामना करना पड़ सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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