Ganpati Stotra: गणपति के इस स्तोत्र का पाठ करने से पहले जान लें सही विधि, तभी संतान प्राप्ति की इच्छा होगी पूरी
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Ganpati Stotra: गणपति के इस स्तोत्र का पाठ करने से पहले जान लें सही विधि, तभी संतान प्राप्ति की इच्छा होगी पूरी

Santan Prapti Path: गणेश उत्सव की शुरुआत 7 सितंबर से हो चुकी है और इसका समापन 17 सितंबर को होगा. इन दिनों गणपति स्तोत्र का पाठ करना बहुत फलदायी माना गया है. जानें पाठ करने से पहले इसके नियमों के बारे में. 

 

ganesh stotra path

Ganpati Stotra Niyam: भारी पेट वाले लम्बोदर, गुरु ज्ञानदाता गणपति महाराज की कृपा बरसते ही सारे काम  बनना शुरु हो जाते हैं. जो लोग संतान प्राप्ति के लिए किसी भी प्रकार का प्रयास कर रहे हैं, उन लोगों को गणपति के संतान गणपति स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए क्योंकि वह बांझन को पुत्र देते है और निर्धन को माया. मान्यता है कि यह स्तोत्र न केवल यह संतान प्राप्ति में आ रही बाधा को दूर करता है बल्कि संतान के स्वस्थ और सुखद भविष्य का भी आशीर्वाद देता है. 

संतान प्राप्ति के लिए भगवान गणपति का स्तोत्र उत्तम माना गया है. 

आधुनिक युग में जो लोग आईवीएफ या किसी और प्रकार का भी उपचार भी कर रहे हैं, उनको भी नियमित रूप से इसका पाठ करना चाहिए . इस मंत्र के पाठ करने से विश्व का कल्याण करने वाले गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. गणपति जी कल्याण स्वरुप है संसार की सृष्टि करने वाले हैं, सत्य रूप हैं इसलिए गणेश्वर भगवान गणपति को इस मंत्र में बारंबार प्रणाम किया गया है. 

दंपत्ति को एक साथ बैठकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए, एक साथ एक समय पर प्रार्थना करने पर मनोकामना जल्दी पूरी होती है. संतान प्राप्ति के साथ सभी प्रकार की सुख शांति भी मिलती है. ज्योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी से जानें गणपति स्तोत्र पाठ के नियम.

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पाठ करने के नियम

संतान प्राप्ति के लिए यह स्तोत्र दंपत्तियों के लिए आशा और विश्वास का स्रोत होता है इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से संतान संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है. स्तोत्र का जाप प्रातः काल में नित्य पूजा के दौरान करना चाहिए और गणपति जी को दूर्वा, लड्डू और सिंदूर अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. 

संतानगणपतिस्तोत्रम्

नमोऽस्तु गणनाथाय सिद्धिबुद्धियुताय च । 

सर्वप्रदाय देवाय पुत्रवृद्धिप्रदाय च ॥ 

गुरूदराय गुरवे गोप्ने गुह्यासिताय ते। 

गोप्याय गोपिताशेषभुवनाय चिदात्मने ।। 

विश्वमूलाय भव्याय विश्वसृष्टिकराय ते । 

नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुण्डिने ॥ 

एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः ।

 प्रपन्नजनपालाय प्रणतार्तिविनाशिने ।।

शरणं भव देवेश संततिं सुदृढां कुरु ।

भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक ॥

ते सर्वे तव पूजार्थं निरताः स्युर्वरो मतः । 

पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्वसिद्धिप्रदायकम् ॥

॥ इति संतानगणपतिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

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