Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में क्यों नहीं खरीदी जाती नई चीजें, जानें इसके पीछे की खास वजह
Advertisement
trendingNow12426559

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में क्यों नहीं खरीदी जाती नई चीजें, जानें इसके पीछे की खास वजह

Shradh 2024: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से 16 दिन के पितृ पक्ष की शुरुआत होती है. इन दिनों में कुछ कार्य करने शुभ तो कुछ कार्य करने की मनाही होती है. जानें पितृ पक्ष में नई चीजें खरीदना क्यों मना होता है. 

 

pitra paksha niyam

Pitru Paksha Rules: हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और अश्विन अमावस्या के दिन इसका समापन होता है. बता दें कि पितृ पक्ष के 16 दिन पितरों के निमित श्राद्ध कर्म और तर्पण आदि किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि ये 16 दिन पितर धरती पर वंशजों के बीच आते हैं और उनके द्वारा किए गए श्राद्ध कर्म से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद देकर जाते हैं. बता दें कि इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान कुछ चीजों को करने की मनाही होती है. ऐसे में अगर इन चीजों को ध्यान न रखा जाए, तो पिचर नाराज हो जाते हैं और वंशजों को दंडित करते हैं. जानें पतृ पक्ष में नई चीजों को खरीदने की मनाह क्यों होती है. 

Mahalakshmi Vrat 2024: महालक्ष्मी व्रत में इस काम को किए बिना नहीं मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा, बनी रहेगी पैसों की समस्या
 

शुभ कार्य की होती है मनाही 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते. धार्मिक ग्रंथों में पितृ पक्ष के दौरान शुभ कार्य जैसे शादी, नया घर खरीदना, गृह प्रवेश, शादी की खरीदारी आदि करना बिल्कुल मना होता है.  मान्यता है कि इस समय पितर अपने वंशजों के आत्मिक रूप से जुड़ते हैं. ऐसे में पितरों का ध्यान कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. कहते हैं कि इस अवधि में खुद को किसी शुभ कार्य में न लगाकर उनका ध्यान करना चाहिए और उनका लगाव महसूस करना चाहिए. 

इसलिए होती है शुभ कार्यों की मनाही

मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान वंशज पितरों को सम्मान के रूप में याद करते हैं. इस समय नई चीजें खरीदना या फिर शुभ कार्य करना एक उत्सव के समान माना जाता है. इसलिए इस तरह के कार्यों को करना वर्जित माना जाता है. कहते हैं कि इस समय किसी भी प्रकार का शुभ कार्य या कोई नया सामान खरीदना पितरों को अपमान के समान लगता है. 

Astro Tips: सौभाग्य का संकेत देती हैं घर में इस दिशा से निकल रही चीटियां, काली चीटी लाती हैं गुड न्यूज!
 

पितृलोक में होता है जल का अभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 16 दिन के लिए  पितर पितृ लोक से धरती पर आ जाते हैं. ऐसे में 16 दिनों में पितृलोक पर जल का अभाव हो जाता है. ऐसे में पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण आदि किया जाता है. ताकि पितर तृप्ति हो सकें और इसी पितृऋण के कारण ही पितृपक्ष में शुभ कार्य वर्जित होते हैं.  
  
नई चीजें खरीदने की होती है मनाही

16 दिन तक वंशज अपने पितरों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं उन्हें याद करते हैं. ये 16 दिन वही समय होता है जब पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए इन दिनों में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध आदि करना चाहिए. इस दौरान नई चीजें जैसे घर, गाड़ी, सोना आदि भी भूलकर न खरीदें. इस दौरान कोई भी नया काम करना वर्जित माना जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news