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दुनिया का वो देश जो कभी नहीं हुआ गुलाम, बड़े-बड़े महारथियों की निकल गई हेकड़ी, जानें क्या रही वजह

Independence Day 2024: भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पूरे देश में खुशी और उल्लास का माहौल रहता है, आज के ही दिन गुलामी की जंजीरें टूटी थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसे भी देश हैं जो कभी गुलाम ही नहीं हुए. इन देशों में किसी भी दूसरे देश ने राज नहीं किया और इनके लोग कभी गुलाम नहीं रहे. ऐसा नहीं है कि लोगों ने प्रयास नहीं किया लेकिन गुलाम नहीं बना पाए, आइए जानते हैं उनके नाम. जिसमें भारत के भी कई पड़ोसी देश भी शामिल हैं. 

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भारत पर कई सालों तक मुगलों और अंग्रेजों ने राज किया. यानी भारत के इतिहास में गुलामी के कई किस्से हैं. भारत के अलावा दुनिया के कई बड़े देश भी कभी न कभी गुलाम रह चुके हैं. जिन्होंने अपनी आजादी के लिए संघर्ष किया.

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हालांकि दुनिया के कुछ ऐसे देश भी हैं, जिन्हें कभी भी किसी ने गुलाम नहीं बनाया. यानी यहां के लोग कभी गुलामी में नहीं रहे. इसमें इथियोपिया, भूटान, नेपाल थाईलैंड और चीन शामिल हैं. चीन में हमेशा राजशाही शासन रहा, परन्तु योरोपियन गुलामी नहीं हो पाई थी.

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इंडियाटाइम्स डॉट कॉम और वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में ऐसे कई देश रहे हैं, जो कभी गुलाम नहीं बने. इसमें नेपाल, भूटान, थाइलैंड, जापान, साउदी अरब, इरान, चीन आदि जैसे देश शामिल हैं. हालांकि, वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू वेबसाइट ने बताया कि ये तमाम देश, कभी न कभी परोक्ष रूप से किसी बड़े देश के अधीन रहे हैं. 

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गुलाम न बनने वाले देश के बारे में मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर सबसे अधिक नेपाल देश की हुई है जो कभी गुलाम नहीं बना, आइए जानते हैं नेपाल क्यों नहीं हुआ गुलाम. आखिर दिल्ली से 600-700 किलोमीटर की दूरी पर बसे नेपाल पर अंग्रेज या मुस्लिम राज क्यों नहीं कर पाए. 

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नेपाल पर ऐसा नहीं है कि मुस्लिम शासको ने राज करने की कोशिश नहीं की. सबसे पहले शमसुद्दीन इलियास शाह ने सन 1349 में नेपाल पर हमला किया. काठमांडू को लूटने के लिए लड़ाई भी हुई लेकिन कुछ समय बाद ही गोरखा सेना ने शमसुद्दीन को वापस भेज दिया. 

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दूसरी बार नेपाल पर 18वीं सदी में मीर कासिम में हमला किया. लेकिन मीर कासिम की सेवा को नेपाल के गोरखा सेना ने हरा कर वापस भेज दिया. अंग्रेजों ने भी नेपाल पर राज करने की कोशिश तो की थी इसके लिए एक बहुत बड़ा युद्ध भी हुआ था. दरअसल 1814 से लेकर 1816 तक अंग्रेजों और नेपाल के बीच युद्ध हुआ जिसे गोरख युद्ध कहा गया था. 

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अंग्रेज और गोरखाओं के बीच युद्ध का परिणाम नहीं निकला. दोनों के बीच एक समझौता हुआ जिसे सुगौली की संधि कहा जाता है. इसके बाद गोरखाओं ने अंग्रेजों को कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र सौंप दिया और अंग्रेजों ने नेपाल पर दोबारा हमला न करने का वचन दिया. यानी नेपाल कभी गुलाम नहीं रहा.

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