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इस एक्टर ने बचाई 1000 बच्चों की जान, हजारों को लिया गोद! करोड़ों का करते हैं दान-पुण्य, 'मिस इंडिया' हैं इनकी बीवी

अब आप सोच रहे होंगे कि भला ये कौन सा एक्टर है जिसने इतना नेक काम किया है. तो बता दें ये बॉलीवुड नहीं बल्कि साउथ का सुपरस्टार है. जिनकी लवस्टोरी भी बहुत प्यारी और सच्ची है. पैसों में जितना अमीर हैं नेचर में उतना ही हंबल हैं. तो चलिए मिलवाते हैं इस नेक दिल एक्टर से.

 

कहानी एक एक्टर की

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कहानी एक एक्टर की

ये कहानी है एक नेक एक्टर की. जो सिर्फ संपति से ही नहीं बल्कि दिल से भी खजांची है. अब आप सोच रहे होंगे भला ऐसा एक्टर कौन हैं जिन्होंने 1000 बच्चों की जान बचाई, हजारों लोगों को गोद ले रखा है. तो बता दें ये कोई बॉलीवुड नहीं बल्कि साउथ का सुपरस्टार है. जो हर साल की कमाई का 30 प्रतिशत हिस्सा दान पुण्य में खर्च करते हैं. इनकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है.

महेश बाबू के पैरेंट्स

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महेश बाबू के पैरेंट्स

ये हैं महेश बाबू. जी हां, साउथ सिनेमा के प्रिंस. जो तेलुगू एक्टर कृष्णा बाबू के बेटे हैं. वहीं मां इंदिरा देवी घर संभालती. पिता के चलते महेश भी जल्दी ही एक्टिंग में आ गए. तब उनकी उम्र करीब 4 बरस रही होगी.  उनके 5 भाई-बहन हैं.

पिता के कहने पर छोड़ी एक्टिंग, जानें कारण

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पिता के कहने पर छोड़ी एक्टिंग, जानें कारण

9 अगस्त 1975 को जन्मे महेश बाबू ने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की. उनकी पहली फिल्म थी नीड़ा थी. इस फिल्म में लीड एक्टर महेश बाबू के पिता ही थे. आगे चलकर एक्टर ने करीब 9 फिल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया. मगर जब वह 15 साल के हुए तो पिता ने उन्हें एक्टिंग छोड़ने को कहा. वह नहीं चाहते थे कि किसी भी सूरत में बेटे की पढ़ाई में अड़चन आए. बस महेश ने भी एक ही आवाज में पिता की बात मान ली और फिल्में छोड़ दी.

पहली ही फिल्म के लिए मिला अवॉर्ड

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पहली ही फिल्म के लिए मिला अवॉर्ड

फिर क्या महेश बाबू 9 साल फिल्मों से दूर रहे. इस दौरान उन्होंने लोयोजा कॉलेज से कॉलेज पूरा किया. फिर बतौर लीड एक्टर साल 1999 में फिल्म राजा कुमारुडु से डेब्यू किया. इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ एक्टर डेब्यू का नंदी अवॉर्ड मिला था.

 

महेश बाबू का NGO

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महेश बाबू का NGO

भगवान की तरह पूजे जाने वाले महेश बाबू ने एक्टिंग में खूब नाम कमाया. फैंस ने इनका मंदिर तक बनाया. मगर महेश बाबू भी फैंस और लोगों के लिए हमेशा खड़े रहे हैं. वह NGO चलाते हैं. उनका गैर-सरकारी संस्था एक अस्पताल से जुड़ी हुई है. जहां गरीब-जरुरतमंद बच्चों का फ्री में इलाज किया जाता है. कुछ रिपोर्ट्स दावा करती है कि अब तक 1000 बच्चों को हार्ट सर्जरी करके उनकी जान बचाई गई है.

महेश बाबू की दरियादिली

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महेश बाबू की दरियादिली

महेश बाबू ने कई बार अपनी दरियादिली दिखाई है. वह अपनी सलाना कमाई का 30 प्रतिशत आय दान-पुण्य पर खर्च करते हैं. जब आंध्र प्रदेश में चक्रवात से हाहाकार मचा था, तब महेश बाबू ने 25 लाख का दान किया था.

महेश बाबू ने लिए दो गांव गोद

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महेश बाबू ने लिए दो गांव गोद

इतना ही नहीं, महेश बाबू ने दो गांव गोद भी ले रखे हैं. जहां हजारों लोग रहते हैं.'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव की पॉप्युलेशन 2-3 हजार होगी.  साल 2015 में उन्होने पिता का गांव बुरिपलेम को गोद लेने का ऐलान किया था. तो दूसरा गांव उन्होंने सिद्दापुर था. जहां वह स्कूल, सड़के, पानी, हॉस्पिटल व अन्य चीजों का पूरा खर्च उठाते हैं.

 

महेश बाबू की पत्नी

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महेश बाबू की पत्नी

बात करें उनकी पर्सनल लाइफ की तो उन्होंने पूर्व मिस इंडिया और एक्ट्रेस नमृता शिरोडकर से शादी की. दोनों का 4 साल का रिलेशनशिप था और फिर 2005 में शादी कर ली. दोनों के दो बच्चे हैं एक बेटा गौतम और एक बेटी सितारा. हाल में ही पूरी फैमिली अनंत अंबानी की पार्टी में नजर आई थी.

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