Sunita Williams Salary: सुनीता विलियम्स आला दर्जे की एस्ट्रोनॉट हैं. अभी वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 72वें अभियान की कमांडर हैं. सुनीता को दूसरी बार ISS का कमांडर बनाया गया है. वह और उनके साथी एस्ट्रोनॉट, बुच विल्मोर जून 2024 से स्पेस स्टेशन पर हैं. हफ्ते भर का मिशन उनके स्पेसक्राफ्ट में खराबी के चलते बहुत लंबा खिंच गया. दोनों की मार्च 2025 से पहले वापसी संभव नहीं दिखती. अंतरिक्ष यात्री लगातार तमाम अप्रत्याशित खतरों से जूझते हुए अपने मिशन पूरा करते हैं. रिस्क को देखते हुए उनकी सैलरी भी उसी हिसाब से होनी चाहिए. बीमा की रकम भी अच्छी-खासी होनी चाहिए. क्या आप जानते हैं कि सुनीता विलियम्स की सैलरी कितनी है? आइए आपको बताते हैं कि अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी, NASA सुनीता और अन्य एस्ट्रोनॉट्स को सैलरी-भत्ते समेत क्या-क्या सुविधाएं देती है.
सुनीता विलियम्स, अमेरिकी नौसेना से कैप्टन के रूप में रिटायर हुई. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता NASA के सबसे सीनियर एस्ट्रोनॉट्स में से एक हैं. वह अभी तक 320 से ज्यादा दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं. 2024 में, नासा के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए वेतन सीमा 84,365 अमेरिकी डॉलर से 115,079 अमेरिकी डॉलर प्रतिवर्ष के बीच है.
NASA अपने सभी एस्ट्रोनॉट्स का हेल्थ इंश्योरेंस कराता है. हालांकि, एजेंसी इस रकम का खुलासा नहीं करती. एस्ट्रोनॉट्स के लिए हर तरह का मेडिकल, साइकोलॉजिकल सपोर्ट 24x7 उपलब्ध रहता है. हर स्पेस मिशन से पहले और बाद में एस्ट्रोनॉट्स के परिवारों को भी साइकोलॉजिकल मदद मुहैया कराई जाती है. NASA के एस्ट्रोनॉट्स को ट्रेवल अलाउंस भी मिलता है.
NASA, दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, NASA नासा में सिविलियन एस्ट्रोनॉट्स की सैलरी वेतन अमेरिकी सरकार के वेतनमान, खासतौर पर ग्रेड GS-13 से GS-15 द्वारा तय होती है.
GS-13: वेतन $81,216 से $105,579 प्रति वर्ष (अधिकतम $8,798.25/माह या $50.59/घंटा) तक होता है. यानी स्टार्टिंग सैलरी 69 लाख रुपये से शुरू होती है.
GS-14: वेतन बढ़कर $95,973 से $124,764 प्रति वर्ष (अधिकतम $10,397/माह या $59.78/घंटा) हो जाता है. भारतीय रुपये में यह सैलरी रेंज 81.60 लाख से लेकर 1.06 करोड़ तक है.
GS-15 (अत्यधिक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री): वेतन $146,757 प्रति वर्ष (1,24,78,417 रुपये) तक पहुंच सकता है.
पृथ्वी से परे, अंतरिक्ष की यात्रा करना बड़े साहस का काम है. अंतरिक्ष यात्रियों को सबसे बहादुर यात्री कहा जा सकता है तो अज्ञात ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने के लिए जान जोखिम में डालते हैं. वे 17,500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने वाले रॉकेट पर सवार होकर अंतरिक्ष में जाते हैं. हमें धरती से एस्ट्रोनॉट्स की जिंदगी बहुत ग्लैमर वाली लगती है, लेकिन इसकी चुनौतियां और खतरे भी उतने ही ज्यादा हैं. अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स का छोटा-छोटा फैसला मायने रखता है.
सुनीता और बुच, जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर पर सवार होकर स्पेस स्टेशन पहुंचे थे. उड़ान के दौरान ही उनके अंतरिक्ष यान में दिक्कतें शुरू हो गईं तो NASA को मिशन लंबा खींचना पड़ा. जब तय हो गया कि स्टारलाइनर इन दोनों को वापस नहीं ला पाएगा, जब सुनीता और बुच को ISS पर मौजूद अभियान 72 का हिस्सा बना दिया गया. कुछ दिन बाद, स्टारलाइनर खाली ही धरती पर लौट आया.
NASA ने कहा कि सुनीता और बुच को अभी स्पेस स्टेशन पर ही रहना होगा, जब तक अगले क्रू को भेज नहीं दिया जाता. इसके लिए स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल की उड़ान फरवरी 2025 में तय की गई थी. हालांकि, इसी हफ्ते NASA ने एक अपडेट में नई डेडलाइन सामने रख दी है.
NASA के अनुसार, स्पेस स्टेशन पर मौजूद क्रू-9 टीम को रीप्लेस करने वाला यान जिसे फरवरी 2025 में लॉन्च किया जाने वाला था, उसे मार्च तक के लिए टाल दिया गया है. यानी, सुनीता विलियम्स का आठ दिन का मिशन अब नौ महीने तक के लिए एक्सटेंड हो चुका है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़