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कनाडा में एक प्रोग्राम के जरिए रिजेक्शन के बाद भी मिलेगा स्टडी परमिट, जानिए क्या है ये दूसरा ऑप्शन

Get Canada Study Permit After Rejection: विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले छात्रों के लिए कनाडा हमेशा से एक लोकप्रिय विकल्प रहा है, लेकिन स्टडी परमिट रिजेक्शन कई बार छात्रों के सपने को तोड़ देता है. हालांकि, अब ऐसे आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. कनाडा ने एक नया स्टडी परमिट पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जो छात्रों को रिजेक्शन के बावजूद दूसरा मौका देता है. यह प्रोजेक्ट छात्रों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है. इस प्रोग्राम का नाम 'स्टडी परमिट पायलट प्रोजेक्ट' है, जिसकी शुरुआत इसी साल अक्टूबर में हुई है.

क्या है स्टडी परमिट पायलट प्रोजेक्ट?

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क्या है स्टडी परमिट पायलट प्रोजेक्ट?

यह प्रोजेक्ट उन छात्रों के लिए है, जिनके स्टडी परमिट आवेदन पहले अस्वीकार हो चुके हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत छात्रों को अपनी योग्यता और डॉक्यूमेंट्स में करेक्शन करने का मौका दिया जाता है. इसके बाद वे फिर से आवेदन कर सकते हैं. कनाडा सरकार का यह कदम छात्रों को उनकी पढ़ाई जारी रखने में मदद करता है.

रिजेक्शन के बाद कैसे मिलता है दूसरा मौका?

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रिजेक्शन के बाद कैसे मिलता है दूसरा मौका?

जब किसी छात्र का स्टडी परमिट रिजेक्ट हो जाता है, तो उन्हें अपनी गलतियों और खामियों को सुधारने का समय दिया जाता है। इसमें भाषा दक्षता, वित्तीय दस्तावेज़, या अन्य जरूरतों को पूरा करना शामिल हो सकता है. इस प्रोजेक्ट के तहत छात्रों को अपनी फाइल को और बेहतर तरीके से पेश करने का मौका मिलता है. 

 

किन छात्रों को होगा फायदा?

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किन छात्रों को होगा फायदा?

यह प्रोग्राम खासतौर पर उन छात्रों के लिए है, जिनके पास मजबूत एकेडमिक रिकॉर्ड है, लेकिन किसी तकनीकी या डॉक्यूमेंट्स की कमी के कारण उनका फॉर्म रिजेक्ट हो गया. इस प्रोजेक्ट के जरिए योग्य छात्रों को न्याय मिलने का रास्ता साफ होता है.

कौन-कौन सी प्रक्रियाएं करनी होती हैं पूरी?

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कौन-कौन सी प्रक्रियाएं करनी होती हैं पूरी?

स्टडी परमिट पायलट प्रोजेक्ट में आवेदन के लिए छात्रों को पहले रिजेक्शन की वजहों को समझना होगा. इसके बाद उन्हें संबंधित सुधारात्मक कदम उठाने होंगे. प्रोजेक्ट के तहत आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे स्टूडेंट्स को बेवजह की अड़चनों का सामना न करना पड़े. 

कनाडा सरकार का उद्देश्य क्या है?

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कनाडा सरकार का उद्देश्य क्या है?

इस प्रोजेक्ट के पीछे कनाडा सरकार का उद्देश्य है कि योग्य छात्रों को केवल छोटी गलतियों के कारण उनके सपने से वंचित न किया जाए. यह कदम देश में ज्यादा विदेशी छात्रों को आकर्षित करने की दिशा में भी है. यह पहल छात्रों को न केवल सपोर्ट करती है, बल्कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करती है. 

 

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दरअसल, कनाडा में स्टडी परमिट देने का काम 'इमिग्रेशन, रेफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा' (IRCC) करती है. यह संस्थान विदेशी छात्रों को पढ़ाई करने का परमिट देता है, लेकिन कई बार स्टडी परमिट रिजेक्ट भी कर दिए जाते हैं. तब छात्रों को फेडरल कोर्ट जाना पड़ता है, जो एक लंबी प्रक्रिया बन जाती है. 

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इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कनेडियन फेडरल कोर्ट ने ये नया प्रोजेक्ट शुरू किया है. स्टूडेंट्स फेडरल कोर्ट के स्टडी परमिट पायलट प्रोजेक्ट में शामिल हो सकते हैं. इससे स्टडी परमिट रिजेक्ट होने पर जल्दी न्याय मिल सकता है. इस प्रोजेक्ट के तहत जज बिना सुनवाई के ही फैसला सुना सकते हैं. इस प्रोजेक्ट में आवेदक और उत्तरदाता (IRCC) को एफिडेविट के जरिए सबूत नहीं देना पड़ता. एफिडेविट एक तरह का रिटेन स्टेटमेंट होता है, जिसमें नए सबूत पेश किए जाते हैं. 

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सभी डॉक्यूमेंट्स को कोर्ट के इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग सिस्टम के जरिए जमा करना होगा. इसके लिए कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगता. हालांकि, फैसले के खिलाफ समीक्षा के लिए आवेदन करने पर 50 डॉलर फीस अदा करना होगा. अगर कनाडा में रहकर अप्लाई करते हैं, तो रिजेक्शन लेटर मिलने के 15 दिन, जबकि कहीं और से अप्लाई करेंगे तो रिजेक्शन लेटर मिलने के 60 दिन बाद का इंतजार करना होगा.

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