सियाचिन को दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र कहा जाता है, वैसे तो इस इलाके में लड़ाई आमने सामने की नहीं हुई है. ये बात अलग है कि फौज के ज्यादातर जवान मौसम का शिकार हुए हैं.
सियाचिन की चर्चा एक बार कुछ इस वजह से हुई. एक बंकर में आग लगने की वजह से एक अधिकारी शहीद हो गए जबकि तीन जवान घायल हैं।
1984 से पहले सियाचिन के इलाके में मानवीय हस्तक्षेप नहीं था लेकिन पाकिस्तान की हिमाकत के बाद भारतीय फौज की तैनाती की गई.
सियाचिन में मौसम और वहां की जमीनी स्थिति बेहद खतरनाक है.अगर आप थोड़ी सी भी लापरवाही बरतेंगे तो जान का जाना तय है.
सियाचिन काराकोरम रेंज में आता है. यह एक ग्लेशियर भी है, अगर आप नॉर्थ या साउथ पोल की बात करें तो वहां बर्फ का होना स्वाभाविक है। लेकिन सियाचिन गैर ध्रुवीय क्षेत्र में है.
सियाचिन को अगर आप देखें तो चारों तरफ सिर्फ बर्फ ही बर्फ.लेकिन बाल्टिस्तान की बलाती में इसे लाल गुलाब का इलाका कहा जाता है। दरअसल सिया का मतलब गुलाब होता है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़