PM Narendra Modi Eat 7 curry meal on a water lily leaf: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच दिवसीय विदेश यात्रा से भारत वापस लौट आए हैं. उन्होंने अपनी इस यात्रा की शुरुआत नाइजीरिया से की और गुयाना में इस दौरे का अंत किया. गुयाना से भारत लौटने के बाद पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें वह गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली के साथ भोजन करते हुए नजर आ रहे हैं. फोटो में पीएम मोदी गुयाना के राष्ट्रपति के साथ वाटर लिली के पत्तों पर भोजन करते दिख रहे हैं. इस दौरान गुयाना के राष्ट्रपति उन्हें खाना परोसते नजर आ रहे हैं. साथ ही कई अन्य लोग भी वाटर लिली के पत्तों पर खाना खाते हुए दिख रहे हैं. तो आइए जानते हैं क्या है वाटर लिली के पत्तों की कहानी, गुयाना में इसका क्या है महत्व. पीएम मोदी ने आखिर 7 करी का भोजन क्यों खाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की पांच दिवसीय दौरे से वापस आ चुके हैं. इस पांच दिवसीय यात्रा की शुरुआत उन्होंने नाइजीरिया से की और गुयाना में इस दौरे का अंत किया. गुयाना से लौटने के बाद उन्होंने वहां के शानदार पलों को याद किया. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर गुयाना की कई तस्वीरे साझा की.
गुयाना से भारत लौटने के बाद पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें वह गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली के साथ भोजन करते हुए नजर आ रहे हैं.
फोटो में पीएम मोदी गुयाना के राष्ट्रपति के साथ वाटर लिली के पत्तों पर भोजन करते दिख रहे हैं. इस दौरान गुयाना के राष्ट्रपति उन्हें खाना परोसते नजर आ रहे हैं. साथ ही कई अन्य लोग भी वाटर लिली के पत्तों पर खाना खाते हुए दिख रहे हैं.
पीएम ने अपने पोस्ट में लिखा, “गुयाना में राष्ट्रपति इरफान अली ने अपने निवास पर 7-करी वाला भोजन परोसा. वाटर लिली के पत्ते पर परोसा गया यह भोजन गुयाना में बहुत सांस्कृतिक महत्व रखता है, जो हमारे दोनों देशों के बीच गहरे और स्थायी संबंध को दर्शाता है. मैं राष्ट्रपति इरफान अली और गुयाना के लोगों को उनकी गर्मजोशी और आतिथ्य के लिए एक बार फिर धन्यवाद देता हूं.”
सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में पीएम मोदी वॉटर लीली के पत्तों में गुयाना के पारंपरिक व्यंजन का आनंद लेते हुए दिख रहे हैं. इस दौरान उनके साथ गुयाना के कई शीर्ष नेता भी उनके साथ खाते दिखे. तो क्या है आखिर वॉटर लीली के पत्तों की कहानी. पानी में खिलने वाली वॉटर लिली के पौधे कई देशों में पाए जाते हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि वॉटर लिली की पत्तियां बहुत ज्यादा सूर्य का प्रकाश सोखती हैं, जिसके कारण इन पत्तियों की लंबाई और मोटाई बढ़ती जा रही है. पीएम मोदी ने इसी पत्ते में गुयाना में "सात करी" व्यजंन खाया है. सात करी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें सात अलग-अलग प्रकार की करी शामिल होती हैं, करी के विशिष्ट प्रकार क्षेत्र और परिवार की पसंद के आधार पर भिन्न हो सकते हैं.
इंडो-गुयाना की एक प्रसिद्ध परंपरा है 7 करी. इसे आम तौर पर वॉटर-लिली के पत्ते में परोसा जाता है, और इसमें सात अलग-अलग करी के साथ चावल होता है, जो पारंपरिक रूप से कद्दू, बागी (पालक), कटहर, आलू/चना (चना), बालंगे (बैंगन), एडो और दाल हैं. पीएम मोदी ने गुयाना की पारंपरिक भोज करके दोनों देशों के बीच एक अलग तरह की दोस्ती का पैमाना सेट कर दिया है. जो तस्वीरों में आप देख सकते हैं.
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