Ocular syphilis infection: अमेरिका में एक शख्स ने पांच औरतों के साथ संबंध बनाए और उसके बाद जो कुछ हुआ हैरान करने वाले है. यौन संबंधित बीमारियों में सिफलिस के बारे में हम सब जानते हैं. लेकिन क्या इसका आंखों की बीमारी से भी क्या कोई संबंध है. इस मामले में जानकारों के मुताबिक आंखों के संक्रमण की समस्या सामने आई है जिसे सामान्य तौर पर ऑक्यूलर सिफलिस संक्रमण बताया जा रहा है.यहां हम इस रोग के बारे में समझने की कोशिश करेंगे कि यह कितना खतरनाक है.
सिफलिस ‘ट्रेपोनेमा पैलिडम’ नामक जीवाणु के कारण होता है. इसे एक पुरानी बीमारी माना जाता है. 1493 में क्रिस्टोफर कोलंबस ने यूरोप में इसके बारे में जानकारी दी थी. ब्रिटेन में सिफलिस संक्रमण के मामले 2022 में बढ़कर 8,692 हो गए, जो 2021 की तुलना में 15% अधिक हैं.1948 के बाद से सामने आए संक्रमण के मामलों की सबसे अधिक संख्या है.
एचआईवी संक्रमण सिफलिस के रोगियों में भी आम है।एचआईवी संक्रमण की वजह से ऑक्युलर सिफलिस तेजी से बढ़ सकता है. आंख संबंधी सिफलिस का निदान न होने का मतलब इलाज योग्य बीमारी एचआईवी का इलाज न होना भी हो सकता है.
मरीजों में अलग-अलग लक्षण नजर आए जिनमें आंखों में सूजन से लेकर कपाल तंत्रिकाओं के पक्षाघात तक शामिल थे. लेकिन कभी-कभी ‘ओक्यूलर सिफलिस’ का निदान नहीं किया जाता और इससे रेटिना में धीरे-धीरे संक्रमण हो सकता है. यह ‘रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा’ नामक विरासत में मिले संक्रमण जैसा हो सकता है.
अमेरिका के मिशिगन में आंखों से संबंधित ‘ऑक्युलर सिफलिस’ संक्रमण के काफी मामले सामने आए हैं. पांच महिलाएं एक ही यौन साथी की वजह से इस संक्रमण की चपेट में आ गईं. ऑक्युलर सिफलिस’ कुल मिलाकर उतना आम नहीं है, हालांकि संक्रमण के सभी मामलों में से एक प्रतिशत ‘ऑक्युलर सिफलिस’ के होने की वजह से ही शायद इसकी व्यापकता को कम आंका गया है.
ऑक्युलर सिफलिस का इलाज नहीं कराने की वजह से यह वर्षों तक बढ़ सकता है. इसकी वजह से शरीर के अलग अलग अंगों को नुकसान हो सकता है. यह आंख के लगभग हर ऊतक को प्रभावित कर सकता है, जिनमें कॉर्निया, आईरिस, ऑर्बिट, पलकें, रेटिना, ऑप्टिक तंत्रिका और श्वेतपटल पर असर पड़ता है. आमतौर पर आंखों में सूजन नजर आता है.लेकिन कभी-कभी संक्रमण बहुत सूक्ष्म होता है.
सिफलिस एक यौन संचारित रोग के रूप में बढ़ रहा है. डॉक्टरों को इस बीमारी के बारे में विचार करना चाहिए और इसकी जांच में संकोच नहीं करना चाहिए. सवाल यह है कि क्या इससे बच्चे प्रभावित हो सकते हैं. इस संबंध में अभी खास जानकारी नहीं है.
ऑक्युलर सिफलिस’ काफी तेजी से फैलता है. इसके कई रूप होते हैं और शायद इसी वजह से इसका पता लगाना मुश्किल होता है. हालांकि इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है. यदि इसका पता चल जाता है तो ‘एंटीबायोटिक दवाओं’ से तुरंत इसका इलाज किया जा सकता है. ऐसे लोगों से यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए जो यौन रोगों से पीड़ित हों.
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