Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या इस साल 29 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान, तर्पण और दान का विशेष महत्व है. शास्त्रों में मौनी अमावस्या से जुड़े खास नियम बताए गए हैं, जिनका पालन न करने पर आप पुण्य लाभ से वंचित रह सकते हैं.ऐसे में आइए जानते हैं कि मौनी अमावस्या पर किन पांच गलतियों से बचना चाहिए.
मौनी अमावस्या पर स्नान के बाद अपने पितरों को जल तर्पण अवश्य दें. ऐसा ना करने पर पितर आपसे नाराज हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पितृ दोष लग सकता है.
शास्त्रों के मुताबिक, अमावस्या तिथि पर पितृ देव धरती पर आते हैं, इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए अन्न, वस्त्र या धन का दान करें. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो पितर अतृप्त रह सकते हैं, जिससे वे आपको श्राप दे सकते हैं.
मौनी अमावस्या के दिन पितरों के लिए पंचबलि कर्म करें. इसके लिए जो भोजन आप बनाते हैं, उसका एक हिस्सा गाय, कुत्ते, कौवे आदि को खिलाएं. यह भोजन उनके माध्यम से पितरों तक पहुंचता है. ऐसा न करने पर पितर आपसे अप्रसन्न हो सकते हैं, जिससे आपकी प्रगति रुक सकती है.
अमावस्या की शाम को पितर अपने लोक लौट जाते हैं. उनके मार्ग को रोशन करने के लिए दीपक जलाएं. यदि आप ऐसा नहीं करते, तो वे अंधकार में लौट सकते हैं, जिससे वे दुखी और असंतुष्ट रह सकते हैं. इसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है.
मौनी अमावस्या पर सफेद वस्त्र खरीदने से बचें. सफेद कपड़े पितरों के प्रतीक माने जाते हैं. इस दिन सफेद वस्त्र का दान करना शुभ होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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