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मालदीव के हाथ में 'भीख का कटोरा' देकर ही मानेगा चीन, भारत ने नजर टेढ़ी क्या की मोइज्जू की हालत हुई खराब

India-Maldives Row: लक्षद्वीप मालदीव विवाद के बाद भारतीयों की नाराजगी का असर दिखने लगा है. मालदीव जिसकी इकॉनमी भारत पर टिकी है, उसकी नाराजगी अब असर दिखाने लगी है. मालदीव सरकार अपने ही घर में घिर गई है. वहीं मालदीव के राष्ट्रपति  मोहम्मद मोइज्जू चीन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. 

मालदीव से मुंह मोड़ रहे भारतीय

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 मालदीव से मुंह मोड़ रहे भारतीय

ब्लू स्टार एयर ट्रैवल सर्विसेज के निदेशक माधव ओजा ने कहा कि भारत से मालदीव के लिए सीधी उड़ानों में 20 से 30 प्रतिशत कैंसिलेशन की रिक्वेस्ट आ रही है. लोग मालदीव जाने के अपने प्लान को बदल रहे हैं. मालदीव के लिए टूर बुकिंग के मौजूदा आंकड़ों में भी 20 प्रतिशत तक कमी के संकेत मिल रहे हैं. लोग मालदीव ट्रिप कैंसिल कर रहे हैं. वहीं कई ट्रैवल एजेंसियां जैसे थ्रिलोफीलिया कैंसिलेशन पर उन्हें 100 प्रतिशत रिफंड देने की बात कह रही है.  

ये आंकड़े मालदीव की टेंशन बढ़ा देंगे

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 ये आंकड़े मालदीव की टेंशन बढ़ा देंगे

मालदीव को लेकर पूछताछ कम हो गई है. भारत की नाराजगी का असर मालदीव में दिखने लगा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक भारत से आ रहे पर्यटकों की संख्या में लगातार हो रही कमी के चलते ट्रैवल कंपनियों ने टूर पैकेज के दाम गिरा दिए हैं. हैदराबाद के टूर एंड ट्रैवल एजेंट के मुताबिक जनवरी में लॉग वीकेंड के बावजूद मालदीव पैकेज के लिए पूछताछ में भारी गिरावट देखने को मिली है. जिसकी वजह से उन्होंने हॉलिडे पैकेज के रेट भी गिरा दिए हैं. हैदारबाद से माले (मालदीव) का थ्री डे पैकेज जो पहले 55000 से 70000 रुपये का था, वो गिरकर 45000 रुपये कर दिया गया है. प्रीमियम फाइव स्टार पैकेज जो 2.5 लाख रुपये का था, वो गिरकर 2 लाख से नीचे पहुंच गया है.  माले जाने वाली फ्लाइट टिकटों के दाम भी 20000 रुपये से गिरकर 12 से 15 हजार रुपये पर पहुंच गए हैं. इसके बावजूद लोग मालदीव से दूरी बना रहे हैं.   

भारत पर टिकी है मालदीव की इकोनॉमी

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 भारत पर टिकी है मालदीव की इकोनॉमी

मालदीव की इकोनॉमी पर्यटन पर निर्भर है. वहां की जीडीपी में टूरिज्म की हिस्सेदारी 28 फीसदी की है. वहीं फॉरेन एक्सचेंज में करीब 60 फीसदी का योगदान टूरिज्म सेक्टर का है. ऐसे में भारतीय की नाराजगी से मालदीव की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी है. मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारतीय सबसे ज्यादा हैं. साल 2023 में 2.9 लाख भारतीयों ने मालदीव टूर किया. साल 2022 नमें 2.41 लाख और 2021 में 2.91 भारतीय मालदीव गए. इन आंकड़ों से अंजादा लगाइए कि अगर भारतीय वहां जाना बंद कर दें तो मालदीव की हालात क्या होगी. 

मालदीव की जीडीपी से 10 गुना ज्यादा भारतीय घूमने में कर देते हैं खर्च

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 मालदीव की जीडीपी से 10 गुना ज्यादा भारतीय घूमने में कर देते हैं खर्च

भारत और मालदीव की इकोनॉमी की तुलना करें ,तो भारत की अर्थव्यवस्था 3.75 ट्रिलियन डॉलर का है, जबकि मालदीव की इकॉनमी 6.5 बिलियन डॉलर की. सबसे मजेदार बात तो ये है कि भारतीय हर साल सिर्फ विदेश घूमने में 65 बिलियन डॉलर खर्च कर देते हैं, यानी जितनी मालदीव की जीडीपी है, उससे ज्यादा हर साल भारतीय विदेश घूमने में खर्त कर देते हैं. अब इससे अंदाजा लगाना आसान है कि भारतीयों की नाराजगी मालदीव को कितनी भारी पड़ने वाली है.  

चीन की चाल में फंस गया मालदीव

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 चीन की चाल में फंस गया मालदीव

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू का चीन प्रेम किसी से छिपा नहीं है. जिस मोइज्जू ने अपना पूरा चुनावी कैंपेन भारत के खिलाफ लड़ा अब वो चीन प्रेम में भारत से दुश्मनी मोल दे रहे हैं. मालदीव आने वाले चीनी यात्रियों की संख्या जो साल 2022 में 27वें नंबर पर थी, साल 2023 में अचानक तीसरे नंबर पर पहुंच गई. वहीं मालदीव ने चीन ने भारी भरकम कर्ज ले रखा है. मालदीव के बजट का 10 फीसदी हिस्सा चीन का कर्ज चुकाने में चला जाता है. चीन मालदीव में भारी निवेश कर रहा है. बुनियादी ढांचे से लेकर ऊर्जा और कारोबार में चीन का निवेश बढ़ रहा है. यानी साफ है कि आने वाले सालों में चीन उसे भी अपने कर्ज के जाल में फंसाकर निगल जाएगा.  

चीन के सामने गिड़गिड़ाया मालदीव

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 चीन के सामने गिड़गिड़ाया मालदीव

भारतीयों की नाराजगी का मतलब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू जानते हैं. इसलिए भारतीय पर्यटकों की घटती संख्या की भरपाई वो चीन से करना चाहते हैं. अपनी चीन यात्रा पर मोहम्मद मोइज्जू ने चीन से अपील की कि वो अपने लोगों को मालदीव घूमने भेजे. मालदीव विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में 187118 चीनी यात्री मालदीव पहुंचे थे. अब मुइज्जू ने चीन से अधिक से अधिक संख्या में मालदीव में अपने पर्यटकों भेजने का आग्रह किया है.    

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