Lok Sabha elections 2024: लोकसभा चुनावों की रणभेरी बज गई है. कुल 543 लोकसभा सीट के लिए देशभर में सात चरणों में मतदान होगा. वोटिंग की शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीटों के लिए मतदान के साथ होगी. आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा और मतों की गिनती चार जून को होगी. इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में खास है. जैसे इन आम चुनावों में पहली बार क्या-क्या होने जा रहा है? आइए आपको बताते हैं.
इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया 44 दिनों में पूरी होगी जो 1951-52 के पहले ससंदीय चुनाव के बाद मतदान की सबसे लंबी अवधि होगी. पहले चुनाव में मतदान चार महीने से अधिक समय तक चला था. देश में आम चुनाव की सबसे छोटी मतदान अवधि 1980 में थी जब महज चार दिनों में मतदान पूरा हो गया था. इस बार निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा से लेकर मतगणना होने तक तक चुनाव प्रक्रिया कुल 82 दिनों में पूरी होगी.
लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल से मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी जो सात चरणों में संपन्न होगी तथा मतगणना चार जून को होगी. यह दुनिया की सबसे बड़ी चुनाव प्रक्रिया होगी. CEC राजीव कुमार ने इतनी लंबी अवधि में हो रहे चुनावों के बारे पूछे जाने पर कहा कि चुनावों की तारीखें क्षेत्रों तथा सार्वजनिक अवकाश, त्योहारों एवं परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तय की गयी है. देश का पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 से लेकर 21 फरवरी 1952 तक चला था जो समयावधि के हिसाब से सबसे लंबा चुनाव था.
चुनाव आयोग की तय संशोधित सीमा के मुताबिक चुनाव आयोग की उम्मीदवारों के चुनाव खर्च पर अभूतपूर्व मुस्तैदी के साथ पैनी नजर रहेगी. आयोग ने अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम को छोड़कर सभी राज्यों के लिए एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा 95 लाख रुपये प्रति उम्मीदवार निर्धारित की है. इन तीन राज्यों के लिए यह प्रति उम्मीदवार ₹75 लाख है. वहीं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के लिए अधिकतम सीमा ₹95 लाख प्रति उम्मीदवार और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ₹75 लाख प्रति उम्मीदवार है.
18वीं लोकसभा यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में 48,000 से अधिक ट्रांसजेंडर मतदाता मतदान करेंगे. 2019 के लोकसभा चुनावों में ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 39075 थी. जिनमें से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में (7,797), तमिलनाडु में (5,793) और कर्नाटक में (4,826) ट्रांसजेंडर मतदाता थे. अरुणाचल प्रदेश, दमन और दीव, गोवा, लक्षद्वीप, मेघालय, नगालैंड और सिक्किम ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां कोई ट्रांसजेंडर मतदाता नहीं है.
देश के 12 राज्यों में महिला मतदाता, पुरुष मतदाताओं से ज्यादा हैं. यानी वोटर लिस्ट के हिसाब से 2024 के लोकसभा चुनाव में जेंडर रेशियो पूरे देश में सबसे ज्यादा है. भारत के मतदाताओं के जेंडर रेशियो की बात करें तो 2019 में ये 928, 2020 में 932, 2021 में 935, 2022 में 940, 2023 में 940 और 2024 में 948 है.
लोकसभा चुनाव में पहली बार 85 से अधिक उम्र और 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले वोटरों को घर से वोटिंग की सुविधा मिल रही है. घर से वोटिंग के इच्छुक मतदाताओं को बस एक फॉर्म भरना होगा. इसके लिए 'सक्षम' ऐप का उपयोग किया जा सकता है. EC का मानना है कि ज्यादातर बुजुर्ग मतदाता पोलिंग बूथ जाकर वोट डालना पसंद करते हैं. इसलिए मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों की सहायता के लिए खास इंतजाम होंगे. जैसे पीने का पानी, टॉयलेट, साइनेज, दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर, रैंप, सहायता केंद्र जैसी सभी व्यवस्था होगी. इस बार सभी 10 लाख 48 हजार मतदाता केंद्रों पर वॉलिंटियर्स और व्हीलचेयर का होना सुनिश्चित किया गया है.
आम चुनाव के जरिए देश के 96 करोड़ 88 लाख मतदाता, 543 सांसदों का चुनाव करेंगे. देश में कुल 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं.
देश में कुल 1.5 करोड़ मतदान अधिकारी और सुरक्षा कर्मचारी तैनात हैं. आयोग ने चुनाव कराने के लिए 55 लाख से ज्यादा ईवीएम का इंतजाम किया है. वहीं आयोग के पास 4 लाख गाड़ियां तैयार खड़ी हैं. पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्स का आंकड़ा आना अभी बाकी है.
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