Science News: मोबाइल नहीं था.. व्हाट्सऐप चैट नहीं होती थी.. तब कबूतर ही काम आते थे. चिट्ठियां कबूतर ही ले जाते थे. सवाल यह कि कबूतर ही क्यों.. दूसरा परिंदा क्यों नहीं?
कबूतरों में ऐसी खासियतें हैं जो उन्हें संदेशवाहक बनाती हैं. कबूतरों के पास एक अद्भुत क्षमता होती है, वे बहुत दूर से भी अपने घर का रास्ता ढूंढ लेते हैं.
यह क्षमता उनके शरीर में मौजूद एक विशेष प्रकार के चुंबकीय संवेदन (magnetoreception) के कारण होती है. कबूतर काफी तेजी से उड़ सकते हैं, जिससे वे कम समय में लंबी दूरी तय कर सकते हैं.
कबूतर तेजी से प्रजनन करते हैं, जिससे बड़ी संख्या में कबूतरों को प्रशिक्षित किया जा सकता है. कबूतर अन्य पक्षियों की तुलना में अधिक बुद्धिमान होते हैं और वे आसानी से प्रशिक्षित किए जा सकते हैं.
कबूतर तूफान, बारिश जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उड़ान भर सकते हैं. अन्य पक्षी इतने बुद्धिमान नहीं होते. अन्य पक्षी उड़ सकते हैं, लेकिन वे कबूतरों की तरह बुद्धिमान नहीं होते हैं. वे आसानी से प्रशिक्षित नहीं हो सकते हैं और वे अपना रास्ता भटक सकते हैं.
अन्य पक्षी कबूतरों की तुलना में तेज उड़ तो सकते हैं, लेकिन वे लंबी दूरी तक उड़ान नहीं भर सकते. अन्य पक्षी कबूतरों की तुलना में कम संख्या में संतान पैदा करते हैं, जिससे बड़ी संख्या में संदेशवाहकों को प्रशिक्षित करना मुश्किल हो जाता है.
कबूतरों की इन अनूठी विशेषताओं के कारण ही इन्हें सदियों से संदेशवाहक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. हालांकि आजकल संचार के अन्य आधुनिक साधन उपलब्ध हैं, लेकिन कबूतरों की यह क्षमता हमेशा वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य और आश्चर्य का विषय बनी रहेगी.
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