Kashmir cold wave: ठंड के कारण घाटी के जल स्रोत जम गए हैं. ऊंचाई वाले इलाकों में पानी की पाइपें फटने और हिमखंड बनने जैसी समस्याएं सामने आई हैं. सुबह के समय बर्फ की मोटी परतें और जमी हुई नदियां देखने को मिल रही हैं.
कश्मीर और लद्दाख घाटी में शीतलहर ने जनजीवन को प्रभावित किया है. श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -4.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि जोजिला में पारा माइनस 23.0 डिग्री तक गिर गया. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति 26 दिसंबर तक जारी रहेगी, और तापमान में और गिरावट दर्ज हो सकती है. कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में ठंड का प्रभाव बढ़ता जा रहा है.
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पहलगाम में माइनस 5.8 डिग्री, गुलमर्ग और काजीगुंड में माइनस 5.0 डिग्री, शोपियां में माइनस 7.8 डिग्री और पुलवामा में माइनस 7.3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. लद्दाख में स्थितियां और भी विकट हैं. जोजिला में माइनस 23.0 डिग्री, लेह में माइनस 10.0 डिग्री, कारगिल में माइनस 10.9 डिग्री और द्रास में माइनस 13.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया.
इस ठंड के कारण घाटी के जल स्रोत जम गए हैं. ऊंचाई वाले इलाकों में पानी की पाइपें फटने और हिमखंड बनने जैसी समस्याएं सामने आई हैं. सुबह के समय बर्फ की मोटी परतें और जमी हुई नदियां देखने को मिल रही हैं. ठंड की यह स्थिति न केवल सामान्य जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि स्थानीय निवासियों को दैनिक कार्यों में भी कठिनाई हो रही है.
भारतीय मौसम विभाग ने 18 से 22 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में भीषण शीतलहर की संभावना जताई है. ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान माइनस में रहने की वजह से स्थिति और गंभीर हो गई है. मौसम विभाग का कहना है कि बर्फबारी के कारण उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान गिर सकता है.
IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें 18 से 23 दिसंबर तक शीतलहर की स्थिति जारी रहने की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगले सप्ताह तक कश्मीर से लेकर उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में ठंड अपने चरम पर होगी. स्थानीय प्रशासन ने निवासियों से सतर्क रहने और ठंड से बचने के उपाय करने की अपील की है.
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