Kapoor Family: एक वक्त था जब कपूर परिवार की बहू-बेटियां कभी सिल्वर स्क्रीन पर नहीं दिखती थीं लेकिन समय बदला और ये रूल भी टूटा और आज तक इसकी चर्चा खूब होती है.
कपूर परिवार का हिंदी सिनेमा से अटूट रिश्ता रहा है. पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक इस हिंदी सिनेमा से इसकी सभी पीढ़ियां जुड़ी रहीं है और सभी ने अपना पूरा योगदान बॉलीवुड को और ऊंचाइयों तक ले जाने में दिया है.
लेकिन इस कपूर खानदान में एक अनकहा सा नियम भी था. वो ये कि परिवार की बहू, बेटियां फिल्मों में का नहीं करेंगीं. एक्ट्रेस बबीता से लेकर नीतू कपूर तक शादी से पहले ये अपने दौर की स्टार रहीं लेकिन जैस ही कपूर परिवार से इनका रिश्ता जुड़ा ये स्क्रीन से गायब हो गईं. ससुराल के इस नियम को उन्होंने सराखों पर रखा. जब तक राज कपूर जिंदा रहे तब तक इस रूल को तोड़ने या चुनौती देने की हिमाकत किसी ने नहीं की.
लेकिन वो कहते हैं समय के साथ बदलना जरूरी है और ये बदलाव आया जब इस परिवार की एक बेटी ने अपने दादा, पड़दादा, पिता, चाचा की तरह इसी कैमरे की दुनिया का हिस्सा बनने की ठानी. वो थीं करिश्मा कपूर जिन्होंने 90 के दशक की शुरुआत में ही बॉलीवुड में कदम रखा था फिल्म प्रेम कैदी से.
ये सफर उनके लिए इतना आसान नहीं था क्योंकि कपूर खानदान की पहली बेटी थीं जो बॉलीवुड में कदम रखने जा रही थीं लेकिन उन्हें ताकत मिली उनके माता-पिता से. रणधीर कपूर और बबीता ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया. हाल ही में करीना ने एक इंटरव्यू में इस पर खुलकर बात की.
उन्होंने बताया कि उन्हें और उनकी बहन को उनके पिता रणधीर की तरफ से पूरा सपोर्ट रहा ताकि वो फिल्म लाइन में करियर बना सकें. वो आज भी उन्हें एक्टिंग पर ध्यान देने की नसीहत देते हैं. साथ ही उन्होंने माना कि पहले का दौर अलग था लेकिन उनके पिता समय से आगे के इंसान रहे हैं और उन्हें समय के साथ बदलना पसंद है.
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