Investment Tips: अधिकांश लोगों के दिमाग में यहीं चल रहा होता है कि करोड़पति बनने के लिए या तो कोई लॉटरी लगेगी या फिर कोई मोटा निवेश करना होगा. अक्सर लोग यही सोचते हैं कि जब वो ज्यादा कमाएंगे तभी ज्यादा बचाकर करोड़पति बन सकते हैं, लेकिन ऐस नहीं हैय. अगर निवेश के लिए सही तरीका अपनाया जाए तो 20000-25000 की सैलरी वाले भी करोड़पति बन सकते हैं. हालांकि ये इतना भी आसान नहीं है. निवेश में लॉग टर्म तक चलाना और अनुशासन रखकर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं.
अगर आप छोटी बचत भी करें तो लॉग टर्म निवेश के साथ करोड़पति बनने का सपना पूरा कर सकते हैं. छोटी सैलरी से भी मोटा फंड जमा कर सकते हैं. ऐसा ही एक फंड है एसआईपी ( SIP) यानी systematic investment plan. एसआईपी में निवेश कर आप छोटे निवेश से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं. इसके लिए आपको लिए लंबे समय तक एक निश्चित अमाउंट निवेश करना होगा. एसआईपी में कंपाउंटिंग का फायदा आपको मिलता है और कम निवेश कर आप अच्छा फंड तैयार कर लेते हैं.
अगर आपकी सैलरी 25000 रुपये है तो निवेश से पहले अपनी जरूरतों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है. फाइनेंशियल रूल कहता है कि आपको अपनी सैलरी का 15-20 फीसदी निवेश करना चाहिए. 25 हजार की सैलरी वालों को 4000 से 5000 रुपये का निवेश ही करना चाहिए. एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप कंपाउंडिंग का फायदा सकते हैं. यहां ये बात भी जानना जरूरी है कि मार्केट से लिंक्ड होने के चलते इसमें थोड़ा जोखिम भी होता है. हो सकता है कि आपको गारंटीड रिटर्न नहीं मिले, लेकिन बीते कुछ सालों में एसआईपी का रिटर्न औसतन 12 फीसदी तक रहा है.
अगर आपको ये समय लंबा लग रहा है तो इसे कम करने का भी एक फॉर्मूला है. इस फॉर्मूले से आप 1 करोड़ के अपने लक्ष्य को थोड़ा और जल्दी हासिल कर लेंगे. मतलब ये कि आप अपने SIP निवेश को हर साल थोड़ा-थोड़ा बढ़ाए. इसे ही step-up SIP कहा जाता है. इस step-up SIP की मदद से आपके वेल्थ क्रिएशन की जर्नी आसान हो जाती है. इसे उदाहरण से समझते है. जैसे अगर आप 4000 रुपये एसआईपी में निवेश करते हैं तो अगले साल इसमें 5 फीसदी की बढ़ोतरी कर दें. बढ़ती सैलरी के साथ इसे बढ़ाना आसान भी होगा. यानी दूसरे साल में आप 4200 रुपये निवेश करते हैं. तीसरे साल में यब बढ़कर 4410 रुपये हो जाएगा. इस तरह से आप एसआईपी का निवेश बढ़ाकर और जल्दी 1 करोड़ का फंड तैयार कर लेंगे.बता दें कि म्यूचुअल फंड पर कंपाउंडिंग का लाभ मिलने से आपका छोटा निवेश लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड बनकर तैयार हो जाता है. म्यूचुअल फंड में बाजार की जोखिम निहित होती है. ऐसे में जरूरी है कि आप फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह से ही निवेश का फैसला लें.
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