Dubai making biggest airport in the world: दुबई यानी सपनों का शहर. दुबई मतलब पैसा ही पैसा. गगनचुंबी इमारतें, लग्जरी गाड़ियां, दुनिया के सबसे महंगे ब्रैंड्स, दौलत की चमक, जगमगाते बीच, ऐशोआराम की जिंदगी, घूमना फिरना, मौज मस्ती और क्या? इसकी दमकती तस्वीरों को देख पहली नजर में किसी को भी ऐसा लग सकता है. इस भूमिका के बीच आपको बता दें कि दुबई में कुछ ऐसी तैयारी हो रही है. जिससे उसे एक बार फिर से नई पहचान मिलने वाली है.
साल 2013 में, बुडापेस्ट से आने वाली फ्लाइट विज़ एयर A-320 ने जैसे ही दुबई के अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट जिसे दुबई वर्ल्ड सेंट्रल (DWC) के नाम से भी जाना जाता है पर लैंड किया था तब एविएशन जगत में इसे एक बड़ी घटना माना गया था. दुबई सिटी से 20 मील दूर बने 'ग्रीनफील्ड' एयरपोर्ट दुनिया के सबसे बड़ा और व्यस्ततम एयरपोर्ट बनाने के मकसद से डिजाइन किया गया था. इस टारगेट को पूरा करने के लिए काम जारी है. ताकि दुबई, ग्लोबल इकोनॉमी चार्ट में एक प्रमुख नाम होने के साथ वैश्विक जरूरतों को पूरा करने वाला भरोसेमंद पार्टनर बन सके.
दुबई एयरपोर्ट्स अथॉरिटी जो दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इस नए हवाईअड्डे दोनों का मैनेजमेंट संभालती है ने दावा किया है कि जब अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम पूरा हो जाएगा, तब ये सालाना 16 करोड़ से ज्यादा यात्रियों को संभालने के साथ 12 करोड़ टन माल ढुलाई का इंतजाम करने में सक्षम होगा.
अभी ये हवाईअड्डा, दुनिया के वर्तमान सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट, हर्ट्सफील्ड-जैक्सन अटलांटा इंटरनेशनल की तुलना में भले ही पीछे हो. लेकिन ये लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. कोरोना महामारी के खात्मे के बाद कार्गो ट्रांसपोर्ट के काम में तेजी आते ही ये फिर चर्चा में है. इसे नींव रखे हुए भले ही 13 साल हो चुके हों, लेकिन दुबई के इस ब्रैंड न्यू एयरपोर्ट का काम अभी भी प्रगति पर है.
अभी ये एयरपोर्ट विमान के रखरखाव, रिपेयर और ओवरहालिंग के लिए एक बड़े हब के रूप में मशहूर है. इंडस्ट्री की भाषा में इसे MRO कहा जाता है. जहां किसी भी विमान को ठीक करने के सारे इंतजाम हैं. ये एयरपोर्ट कई एयर कार्गो ऑपरेटरों का काम संभालता है. इसके अलावा यहां से कुछ सरकारी जेट और बेहद खास लोगों की चार्टर फ्लाइट्स का मूवमेंट संभाला जाता है. लिस्टेड पैसेंजर्स फ्लाइट का मूवमेंट सीमित है. फिलहाल यहां से ईस्ट यूरोप, रूस और मध्य एशिया के लिए सेवाएं संचालित होती हैं. तो उन महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्या हो रहा है और आखिर ये प्रोजेक्ट कब पूरा होगा? आइए जानते हैं.
दुबई एयरपोर्ट्स के सीईओ पॉल ग्रिफिथ्स के मुताबिक 2023 के लिए उनका पैसेंजर्स के लिए पूर्वानुमान 86.8 मिलियन था. 2024 और 2025 के लिए उन्हें यहां 88.2 मिलियन और 93.8 मिलियन पैंसेजर्स के आने जाने की उम्मीद है. ग्रिफिथ ने प्रोजेक्ट पूरा होने की डेडलाइन बताने में अभी तक बहुत सावधानी बरती है. नवंबर 2023 में उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएफपी से कहा था कि जब क्षमता पूरी हो जाएगी तब हमें एक और नए एयरपोर्ट की जरूरत पड़ेगी. ऐसा 2030 तक हो सकता है.
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