Benefits of doing Anulom-Vilom: अनुलोम विलोम एक प्राणायाम (सांस लेने का योग) है जिसके अविश्वसनीय लाभ हैं. इसे हर दिन सिर्फ 5 मिनट करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में बहुत सुधार हो सकता है. ज्यादातर लोग इस बात को जानते हैं कि यह मन को शांत करने में मदद करता है, लेकिन इसके कुछ और भी फायदे हैं जिनके बारे में शायद किसी ने नहीं सुना होगा.
अनुलोम विलोम दिल में ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिसकी वजह से शरीर का सर्कुलेशन सिस्टम बेहतर होता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है. लगातार प्रैक्टिस करने से खून में ऑक्सीजन का स्तर बढ जाता है और इससे दिल मजबूत बनता है.
दरअसल, ये योग आसन, सांस लेने की तकनीक है, जो मस्तिष्क के दोनों हिस्सों को उत्तेजित करती है. इससे बेहतर संज्ञानात्मक कार्य होता है. जैसे कि फैसले लेने, सोचने, समझने और इमैजिन करने की क्षमता बढती है. यह मस्तिष्क के गोलार्धों के बीच संतुलन बनाता है जिसके कारण क्रिएटिविटी, फोकस और निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है.
अनुलोम विलोम नाक के मार्ग को साफ करता है, जिससे साइनस का ब्लॉकेज कम करने में मदद मिलती है. इसे रोजाना करने से नाक की रुकावट दूर रहती है और सांस लेने में आसानी होती है, खासकर बरसात और ठंड में, जो एलर्जी का मौसम होता है.
रोजाना अनुलोम विलोम करने से ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो सकता है. यह एक ऐसी स्थिति है जो उम्र बढ़ने की गति को बढ़ा सकती है और पुरानी बीमारियों को जन्म दे सकती है. ऐसे में अनुलोम विलोम करने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा बढ़ता है, जो कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाता है.
यह प्राणायाम तकनीक पूरे शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बेहतर बनाती है. खासतौर से पाचन तंत्र पर ध्यान केंद्रित करती है. यह अपच, सूजन को कम करने और नियमित मल त्याग को बनाए रखने में मदद करता है.
अनुलोम विलोम नर्वस सिस्टम को बेहतर करता है और पैरासिम्पेथेटिक रेस्पॉन्स को एक्टिवेट करता है. यह धीरे-धीरे नींद के पैटर्न को बेहतर बनाने में मदद करता है. सोने से ठीक 5 मिनट पहले इस योग आसन को करने से गहरी और अधिक आरामदायक नींद आती है.
यह आपकी सांसों को धीमा करता है और मन को शांत करता है. यह प्राणायाम तनाव को कम करता है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर कम होता है. यह हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए एक नेचुरल मेडिकेशन की तरह काम करता है.
अनुलोम विलोम रोज करने से ऑक्सीजन सर्कुलेशन बेहतर होता है. यह स्किन की कोशिकाओं को पोषण देता है और त्वचा को प्राकृतिक चमक देता है. यह मुंहासे और दाग-धब्बों को कम करके साफ, युवा त्वचा को बनाए रखने में मदद करता है.
अनुलोम विलोम माइग्रेन या गठिया जैसी पुरानी दर्द को कम करने में कारगर है. यह स्ट्रेस हार्मोन को कम करता है और ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाता है जो समय के साथ दर्द और परेशानी को कम करने में मदद करता है.
इस श्वास की तकनीक को बार-बार करने से हार्मोन रेगुलेट रहते हैं. इससे स्ट्रेस, मूड और मेटाबोलिज्म से जुड़े हार्मोन बेहतर बनते हैं और हार्मोनल बैलेंस अच्छा होता है. इसकी वजह से मूड में उतार-चढ़ाव कम होता है.
अनुलोम विलोम करने के लिए, किसी भी आरामदायक पोजिशन में बैठ जाएं, अपने हाथ के अंगूठे से नाक के एक तरफ (एक नथुने) को बंद करें, नाक की दूसरी तरफ से सांस लें, फिर बदलें और सांस छोड़ें. 5-10 मिनट तक बारी-बारी से नाक के दोनों हिस्सों के साथ ऐसा दोहराएं, सांस को धीमा और स्थिर रखें.
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)
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