अमृतसर का अटारी गांव पाकिस्तान बॉर्डर से सिर्फ 3 किमी. की दूरी पर स्थित है. यह गांव वास्तव में, भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है. इसी गांव के रास्ते से लाखों हिंदू और सिख शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आए थे, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोग भारत से पाकिस्तान गए थे. बता दें, वाघा पाकिस्तान का गांव है, जिसे आप वाघा बॉर्डर के नाम से जानते हैं.
अटारी गांव बॉर्डर पर होने के कारण, यहां का वातावरण काफी अलग है. यहां रोज सूरज ढलने से पहले अटारी-वाघा बॉर्डर सेरेमनी होता है. सैकड़ों भारतीय और विदेशी पर्यटक इस अनूठे अनुभव का हिस्सा बनने के लिए हर शाम को यहां इकट्ठा होते हैं.
सबसे पहले अपने शहर से ट्रेन या फ्लाइट के जरिए अमृतसर पहुंचें. यहां से आपको बहुत ही आसानी से अटारी- वाघा बॉर्डर के लिए बस और टैक्सी मिल जाएगी. रिट्रीट देखने के लिए आप सुबह 10 से शाम 4 बजे तक कभी भी जा सकते हैं. इसके लिए आपको कोई फीस नहीं देनी होती है.
बॉर्डर पर रिट्रीट देखने के अलावा आप इसके आसपास भी कई जगह घूम सकते हैं. यहां पहुंचते समय आप रास्ते में खालसा कॉलेज, वॉर म्यूजियम, पुल कंजरी विलेज घूम सकते हैं. यह टूरिस्ट के लिए अट्रैक्शन प्वाइंट हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़