सबसे खास बात यह है कि बच्चों का जन्म चंद्रयान -3 मिशन से पहले हुआ था, लेकिन माता-पिता अपने नवजात शिशुओं का नाम बदलकर इस ऐतिहासिक घटना को याद करना चाहते थे.
बलप्पा और नागम्मा ने अपने बच्चे का नाम विक्रम रखा, जो 28 जुलाई को पैदा हुआ था, जबकि निंगप्पा और शिवम्मा ने 14 अगस्त को पैदा हुई अपनी बच्ची का नाम प्रज्ञान रखा. दोनों बच्चों का नामकरण समारोह इसरो की सफलता की घोषणा के अगले दिन 24 अगस्त को हुआ.
इसी तरह, ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में, कई नवजात शिशुओं को उपलब्धि के जश्न में उनके माता-पिता द्वारा 'चंद्रयान' नाम दिया गया था. बुधवार शाम को केंद्रपाड़ा जिला अस्पताल में चार बच्चों, तीन लड़कों और एक लड़की का जन्म हुआ और उनका नाम चंद्रयान रखा गया.
उन चार बच्चों में से एक के पिता प्रवत मलिक ने कहा, “यह दोहरी खुशी थी. चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के कुछ मिनट बाद हमारे बच्चे का जन्म हुआ. हमने बच्चे का नाम चंद्र मिशन के नाम पर रखने का फैसला किया." स्थानीय परंपरा यह है कि जन्म के 21वें दिन पूजा के बाद बच्चे का नाम रखा जाता है.
बता दें कि अंतरिक्ष में 40 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रयान -3 लैंडर, जिसका नाम 'विक्रम' है, 23 अगस्त की शाम को अज्ञात चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा. इस उपलब्धि को हासिल करने वाले अग्रणी राष्ट्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत किया है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ग्रीस से सीधे बेंगलुरु में इसरो मुख्यालय पहुंचे और चंद्रयान-3 के पीछे वैज्ञानिकों की टीम से मुलाकात की. मिशन में शामिल वैज्ञानिकों से बातचीत के दौरान वह भावुक हो गये.
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