तस्वीर में देखा जा सकता है कि उनमें से दो लोगों ने सफेद कुर्ता पहना हुआ था, जबकि बाकी लोगों ने लाल रंग की शर्ट पहनी थीं, जिन पर जिला अटॉर्नी दफ्तर का नाम लिखा हुआ था. उन्हें कमरे के बीच में ले जाया गया और सजा मिलने से पहले उन्हें अपना सिर झुकाने के लिए कहा गया.
एक आदमी को सिर्फ 10 कोड़े मारे जाने के बाद बहुत दर्द हुआ और वो कराह उठा, तो उस वक्त सजा रोक दी गई थी. डॉक्टरों ने उसकी हालत देखी और उसे पीने के लिए कुछ दिया, फिर सजा आगे बढ़ाई गई. "मेल ऑनलाइन" के मुताबिक, आचे जिला सरकारी वकील कार्यालय के प्रमुख ने सजा की पुष्टि की. उन्होंने कहा: "आज, शराब पीने के जुर्म में दोषी पाए गए चार लोगों को कोड़े मारने की सजा पूरी कर ली गई है."
आचे इंडोनेशिया का इकलौता ऐसा प्रांत है जहां 2001 में उसे मिले विशेष अधिकारों और 2015 में जकार्ता के साथ हुए शांति समझौते के बाद शरिया कानून लागू किया गया. ये सख्त कानून जुआ खेलना, शराब पीना, बिना शादी के शारीरिक संबंध बनाने और समलैंगिक संबंधों को जुर्म मानते हैं. यहां रहने वाले गैर-मुस्लिमों पर भी ये कानून लागू होते हैं.
इस हफ्ते के शुरुआत में पता चला कि आचे में दो आदमियों को कोड़े मारे जा सकते हैं जिन्होंने आपस में संबंध बनाने की बात मानी है. अगर ये दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 100 कोड़े मारे जा सकते हैं.
दरअसल, कुछ लोगों ने एक गेस्ट हाउस में छापा मारा था और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस गिरफ्तारी का मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया है जो लगातार इस भेदभावपूर्ण सजा का विरोध करते आ रहे हैं. अमनेस्टी इंटरनेशनल नाम का एक संगठन इस प्रांत से समलैंगिक लोगों को कोड़े मारने की सजा खत्म करने की मांग कर रहा है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़