Beer Interesting Facts: आज के आधुनिक दौर में बीयर पीना आम बात है. वीकेंड पर या सफर पर बीयर का अलग ही मजा होता है. बीयर के शौकीन इसके बारे में हमेशा जानकारी जुटाते रहते हैं. आज हम आपको बीयर की बॉटल से जुड़े रोचक तथ्य के बारे में बताएंगे.
क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि बीयर की बोतलें हमेशा हरे या भूरे रंग की ही क्यों होती हैं? इसके पीछे एक दिलचस्प कारण है.
बीयर में कई तरह के एसिड होते हैं. जब सूरज की रोशनी, खासकर अल्ट्रावायलेट किरणें इन एसिड से मिलती हैं तो एक रासायनिक प्रतिक्रिया होती है. इस प्रतिक्रिया के कारण बीयर का स्वाद खराब हो जाता है और उसमें एक अजीब सी गंध आने लगती है.
हरा और भूरा रंग सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों को काफी हद तक रोक देता है. इसलिए, बीयर की बोतलों को इन रंगों में बनाकर बीयर को सूरज की रोशनी से होने वाले नुकसान से बचाया जाता है.
कहा जाता है कि हजारों साल पहले प्राचीन मिस्र में बीयर बनाने वाली पहली कंपनी थी. उस समय बीयर को पारदर्शी बोतलों में रखा जाता था. लेकिन जब बीयर खराब होने लगी, तो लोगों ने बोतलों का रंग बदलना शुरू किया. हरे और भूरे रंग सबसे ज्यादा कारगर साबित हुए.
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भूरे रंग की बोतलों की कमी हो गई थी. इसलिए, बीयर निर्माताओं ने हरे रंग की बोतलों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
कुछ बीयर निर्माता अब काले रंग की बोतलों का भी इस्तेमाल करने लगे हैं. काला रंग भी सूरज की किरणों को पूरी तरह से रोक देता है. कुछ विशेष किस्म की बीयर को काले रंग की बोतलों में रखा जाता है ताकि उसका स्वाद और रंग और भी बेहतर लगे.
बीयर की बोतलों का रंग सिर्फ एक रंग नहीं है, बल्कि यह बीयर की क्वालिटी और स्वाद को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है. हरे और भूरे रंग सूरज की रोशनी से बीयर को होने वाले नुकसान से बचाते हैं और हमें एक बेहतर स्वाद वाली बीयर पीने का मौका देते हैं.
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