आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मंत्री हिना रब्बानी खार ने क्यों कहा, ‘फिलहाल भारत के साथ व्यापार मुमकिन नहीं’
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आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मंत्री हिना रब्बानी खार ने क्यों कहा, ‘फिलहाल भारत के साथ व्यापार मुमकिन नहीं’

India-Pakistan Business: पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और भारत से बेहतर व्यापार संबंधों से उसे काफी लाभ पहुंच सकता है. 

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मंत्री हिना रब्बानी खार ने क्यों कहा, ‘फिलहाल भारत के साथ व्यापार मुमकिन नहीं’

India-Pakistan Relations: पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ फिर से व्यापार के शुरू होने का स्वागत करेगा लेकिन मोदी सरकार के साथ ठंडे संबंधों के कारण उन्हें इसकी कोई संभावना नहीं दिख रही है. खार ने पॉलिटिको को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही है.  

खार ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को बहाल करने के साधन के रूप में व्यापार शुरू करने की समर्थक थीं,  लेकिन नई दिल्ली में एक हिंदू राष्ट्रवादी प्रशासन के साथ काम करना असंभव है, जिसका समर्थन ‘भारत को हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजित करने पर आधारित है.’

आर्थिक संकट से जूझ रहा है पाकिस्तान
खार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और भारत से बेहतर व्यापार संबंधों से उसे काफी लाभ पहुंच सकता है क्योंकि मौजूदा बिजनेस बहुत छोटे स्तर पर हो रहा है. बिजनेस बहुत छोटे स्तर पर हो रहा है.

इससे पहले भारत की वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत-पाकिस्तान व्यापार अप्रैल और दिसंबर 2022 के बीच केवल 1.35 बिलियन डॉलर तक पहुंचा , जबकि चीन के साथ यह 87 बिलियन डॉलर था.

मुझे नहीं लगता कुछ भी करने की गुंजाइश है
व्यापार फिर से शुरू करने के सवाल पर खार ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि बहुत आक्रामक सरकार के साथ कुछ भी करने की कोई गुंजाइश है.’ उन्होंने कहा, ‘विशेष पार्टी और विशेष लोग जो सत्ता में हैं वे महसूस करते हैं कि समस्या को हल करना उनके हित में नहीं है, बल्कि वे समस्या को भड़काना चाहते हैं.’

फिर भी, खार ने कहा कि अगर भारत ने अपना स्वर बदलता है तो इस्लामाबाद फिर से बातचीत शुरू करने को तैयार है. उन्होंने कहा, ‘कल अगर वे राजनेता बनने का फैसला करते हैं और शांति की विरासत की तलाश करते हैं, तो वे पाकिस्तान में न केवल एक उत्साही साथी बल्कि एक अति उत्साही साथी पाएंगे.‘

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