Pakistan Bans Joyland: सादिक के निर्देशन में बनी यह पहली फिल्म 2023 अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर श्रेणी की अंतिम पांच में स्थान पाने की दौड़ में है. इस फिल्म को टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और बुसान अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी दिखाया गया था.
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Pakistan Government Ban Award Winning Movie JOYLAND: पाकिस्तान में एक बार फिर से फिल्मों को लेकर रुढ़िवादी सोच सामने आई है. यहां अधिकारियों ने साइम सादिक की फिल्म ‘जॉयलैंड’ को प्रतिबंधित कर दिया है. अधिकारियों का कहना है कि इस फिल्म में बेहद आपत्तिजनक सामग्री है. बता दें कि कुछ महीने पहले ही इस फिल्म को प्रमाणपत्र जारी करते हुए इसके सार्वजनिक प्रदर्शन की मंजूरी दे दी गई थी.
17 अगस्त को सरकार ने ही दिया था फिल्म को प्रमाण पत्र
‘जॉयलैंड’ ऑस्कर में पाकिस्तान की ऑफिशियल एंट्री है. इसे सरकार ने 17 अगस्त को प्रमाण पत्र दिया था. बहरहाल, इसकी सामग्री को लेकर हाल में ऐतराज़ जताया गया था. आपत्ति के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने देश के रूढ़िवादी तत्वों के साथ टकराव से बचने के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अब अचानक लगा दी है रोक
मंत्रालय ने 11 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा कि यह फिल्म देश के 'सामाजिक मूल्यों और नैतिक मानकों' के अनुरूप नहीं है. अधिसूचना में कहा गया है, ‘हमें लिखित शिकायतें मिली हैं कि फिल्म में अत्यधिक आपत्तिजनक सामग्री है जो हमारे समाज के सामाजिक मूल्यों और नैतिक मानकों के अनुरूप नहीं है और स्पष्ट रूप से शिष्टता और नैतिकता के मानदंडों के प्रतिकूल है.’ सादिक के निर्देशन में बनी यह पहली फिल्म 2023 अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर श्रेणी की अंतिम पांच में स्थान पाने की दौड़ में है. पाकिस्तान में यह फिल्म 18 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ की जानी थी, लेकिन मंत्रालय ने अपने आदेश में देश में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है.
कट्टरपंथी नेता ने किया फैसले का स्वागत
पाकिस्तान की सीनेट में कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के एकमात्र सीनेटर मुश्ताक अहमद खान ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि ‘फिल्म इस्लाम के खिलाफ है. पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है और इसके खिलाफ किसी भी कानून, विचारधारा या गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती है.’
फिल्म को लेकर क्यों उठ रहा विवाद
‘जॉयलैंड’ में पितृसत्तात्मक परिवार की कहानी है जो चाहता है कि परिवार का वंश चलाने के लिए बेटा पैदा हो जबकि उनका छोटा बेटा चुपके से कामुक नृत्य थियेटर में शामिल हो जाता है और ट्रांसजेंडर महिला के प्रेम में पड़ जाता है. ट्रांसजेंडर से प्यार पर ही कट्टरपंथियों को सबसे ज्यादा आपत्ति है. कुछ और सीन को लेकर भी विरोध है. बता दें कि इस फिल्म को टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और बुसान अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी दिखाया गया था. इसे शुक्रवार को ‘एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवॉर्ड्स’ का युवा सिनेमा पुरस्कार भी मिला है.
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