Pakistan-India Ties: नवाज जानते हैं दुनिया भर में लोकप्रिय मोदी से नजदीकी ही उनके सियासी सफर में मैजिक कर सकता है. नवाज को भरोसा है कि भारत से रिश्ते अच्छे हुए तो पाकिस्तान की छवि दुनिया में सुधरेगी. नवाज इतिहास की गलतियों से पल्ला झाड़कर भारत के साथ नई शुरुआत करना चाहते हैं.
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India-Pakistan Conflict: प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर नवाज शरीफ चौथी बार पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम बनने का ख्वाब देख रहे हैं. पाकिस्तान वापसी के बाद नवाज आम चुनावों की तैयारियों में जोर-शोर से जुटे हैं. 3 बार पाकिस्तान की हुकूमत चलाने के बाद बेदखल नवाज हर मंच से मोदी के नाम की गारंटी जनता को दे रहे हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि हमारे दौर में इंडिया के दो वजीर-ए-आजम पाकिस्तान आए. मोदी साहब और अटल बिहारी जी आए.. ऐसा पहले कब हुआ था.
नवाज को 24 की राह मोदी के नाम से ही मुमकिन दिख रही है. यही वजह है कि वो भारत के साथ बिगड़े रिश्तों से खुद को पाक-साफ बताने की कोशिश कर रहे हैं. करगिल युद्ध के 24 साल बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने यहां तक दावा किया कि करगिल युद्ध की खिलाफत के बदले उन्हें तख्तापलट झेलनी पड़ी.
नवाज के बयानों में ही विरोधाभास
नवाज ने कहा, हर दफा हमें निकाल दिया गया. क्यों निकाल दिया गया? कम से कम मुझे पता लगना चाहिए कि मुझे 1993 क्यों निकाल दिया गया. मुझे पता लगना चाहिए 1999 में क्यों निकाल दिया गया. हमने माहौल को सही से संभाला और हमने ये कहा कि ये करगिल में लड़ाई नहीं होनी चाहिए इसलिए मुझे निकाल दिया गया?
करगिल का जिक्र कर नवाज ने कई मौकों पर खुद को युद्ध का विरोधी बताने की कोशिश की. लेकिन 3 साल में नवाज़ के 2 बयान ऐसे हैं जो एक-दूसरे से मेल नहीं खाते. साल 2020 में उन्होंने कहा था कि करगिल युद्ध की जानकारी ही नहीं थी. और सीधे तौर पर तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ को इसके लिए ज़िम्मेदार बताया. वहीं अब शनिवार को उन्होंने कहा कि, युद्ध का पता था और विरोध किया तो पद से हाथ धोना पड़ा.
नवाज जो कह लें. भारत जानता है कि उनके नाम साथ जो शरीफ लगा है वो सिर्फ नाम में ही है. जबकि उनके धोखेबाजी के इतिहास की फेहरिस्त लंबी है. एक-एक कर उन चेहरों से पर्दा उठाएंगे लेकिन पहले आपको नवाज का वो बयान भी सुना देते हैं, जिसमें वो भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने पर ज़ोर दे रहे हैं.
Fmr Pak PM Nawaz Sharif says, 'It was in my tenure 2 Indian PMs came to Pakistan, PM Vajpayee, PM Modi...we want to improve ties with India" pic.twitter.com/VMCLgCCGfQ
— Sidhant Sibal (@sidhant) December 9, 2023
नवाज शरीफ ने कहा, हमें अपने रिश्ते भारत के साथ ठीक करने हैं. अफगानिस्तान और ईरान के साथ हमें अपने संबंध बेहतर करने होंगे. हमें चीन के साथ और मजबूत संबंध बनाने की जरूरत है. 2024 में ही पाकिस्तान में भी आम चुनाव होने हैं. उससे पहले आया नवाज शरीफ के इन बयानों के कई मायने हैं क्योंकि नवाज जानते हैं कि भारत से दुश्मनी उनकी सियासी पारी के लिए ठीक नहीं, इसलिए वो मोदी-मोदी की माला जपने लगे हैं.
क्या है नवाज के 'शरीफ' होने की वजह?
नवाज जानते हैं दुनिया भर में लोकप्रिय मोदी से नजदीकी ही उनके सियासी सफर में मैजिक कर सकता है. नवाज को भरोसा है कि भारत से रिश्ते अच्छे हुए तो पाकिस्तान की छवि दुनिया में सुधरेगी. नवाज इतिहास की गलतियों से पल्ला झाड़कर भारत के साथ नई शुरुआत करना चाहते हैं.
लेकिन भारत नवाज के धोखेबाज चरित्र को अच्छे से जानता है. नवाज शरीफ जब पाकिस्तान के पीएम थे तब भारत ने कई बार शांति की पहल की, पाकिस्तान को कई मौके दिए. लेकिन न तो नवाज सुधरे और न ही पाकिस्तान का रवैया बदला. यही वजह है कि नवाज के ताजा बयान के बाद पाकिस्तानी मीडिया भी हैरान है.
पाकिस्तान की राजनीति का TREND हैं कि वहां कोई भी प्रधानमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता. जबकि भारत में मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बीजेपी सरकार बनाने की मजबूत दावेदार है. नवाज को पता है कि भारत के विरोध से उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला, इसलिए 4 साल बाद जब वो पाकिस्तान पहुंचे तो दुनिया में भारत की बढ़ते कद के कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए.