Train Withour Window and Train: आज जिस ट्रेन के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उस ट्रेन में न तो खिड़कियां हैं और ही दरवाजे. इस पैसेंजर ट्रेन को देखकर अक्सर लोग हैरान रह जाते हैं. लोगों के मन में सवाल उठते हैं कि आखिर बिना खिड़की-दरवाजे वाले इस ट्रेन का होता क्या है ?
Train With Door and Window:रेल से सफर आपने कभी न कभी जरूर किया होगा. दुनिया के चौथे सबसे विशाल नेटवर्क वाले भारतीय रेल में अलग-अलग कैटेगरी की ट्रेनें दौड़ती है. एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, मेल, डीएमयू, मालगाड़ी....तमाम ट्रेनें पटरियों पर दौड़ती रहती है. सफर के दौरान ट्रेन की खिड़की से बाहर का नजारा देखना किसे पसंद नहीं है, लेकिन आज जिस ट्रेन के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उस ट्रेन में न तो खिड़कियां हैं और ही दरवाजे. इस पैसेंजर ट्रेन को देखकर अक्सर लोग हैरान रह जाते हैं. लोगों के मन में सवाल उठते हैं कि आखिर बिना खिड़की-दरवाजे वाले इस ट्रेन का होता क्या है ? रेलवे क्यों इस ट्रेन का निर्माण करती हैं ?
एक ऐसी ट्रेन जो पूरी तरह से पैक्ड यानी बंद होती है. इसके खिड़की और दरवाजे सील बंद होते हैं. इस ट्रेन को देखकर ज्यादातर लोगों को लगता है कि इसमें खास या खुफिया सामान लाया-ले जाता है. आपका बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है. रेलवे की इन ट्रेनों तो NMG ट्रेन के नाम से जाना जाता है. ये एक आम मालगाड़ी ट्रेन है. बस देखने में ये पैसेंजर ट्रेन की तरह होती है, लेकिन इसमें न खिड़कियां होती है और न ही दरवाजे.
NMG यानी New Modified Goods ट्रेन . ये एक खास तरह की मालगाड़ी होती है, जो बाकी मालगाड़ियों की तरह सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करती है. हालांकि इसकी संचरना आम मालगाड़ियों से थोड़ी अलग होती है. देखने में पैसेंजर ट्रेन वाली इस ट्रेन की सभी खिड़की-दरवाजे सील कर दिए जाते हैं.
जब यात्री ट्रेनें पुरानी हो जाती है. उनका इस्तेमाल लोगों के लिए सफर के लिए नहीं होता तो उन कोचों को NMG कोच में तब्दील कर दिया जाता है. बता दें कि यात्री ट्रेनों के ICF कोच की अधिकतम लाइफ 20 से 25 साल की होती है. जब ट्रेन की बोगियां इस समय सीमा को पार कर जाती है, तो उन्हें NMG कोच में बदल दिया जाता है. कोच को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है. अंदर के सभी सीट को खोलकर हटा दिया जाता है. पंखे और लाइट भी खोल दिए जाते हैं और मजबूती देने के लिए उसमें लोहे की पट्टियों को लगा दी जाती है.
NMG कोचों को इस तरह से तैयार किया जाता है कि उसे ऑटो कैरियर में तब्दील किया जा सके. इन ट्रेनों में कार, मिनी ट्रक और ट्रैक्टरों को आसानी से लोड और अनलोड किया जा सकता है. पूरे कोच में सामान लोडिंग अनलोडिंग के लिए सिर्फ एक दरवाजा होता है, जो ट्रेन के सबसे आखिरी में होता है.
ट्रेनों के सारे खिड़की-दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, ताकि सामान को उतारने-चढ़ाने में आसानी हो. इसके अलावा खिड़की-दरवाजे बंद होने से कोई भी व्यक्ति ट्रेन में रखे सामान से छेड़छाड़ नहीं कर सकता है. सामान की लोडिंग अनलोडिंग एक तरफ के की जाती है.
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