China-Pakistan: LoC पर चीन-पाकिस्तान कर रहे ये कारस्तानी, भारत के सामने खुल गई पोल-पट्टी
Advertisement
trendingNow11753798

China-Pakistan: LoC पर चीन-पाकिस्तान कर रहे ये कारस्तानी, भारत के सामने खुल गई पोल-पट्टी

India-China-Pakistan: हाल ही में बनी 155 मिमी ट्रक-माउंटेड हॉवित्जर तोप एसएच-15 को पिछले साल पाकिस्तान दिवस पर डिस्प्ले किए जाने के बाद LoC के पास कुछ जगहों पर देखा गया है. पाकिस्तान ने 236 एसएच -15 की सप्लाई के लिए चीनी फर्म नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नोरिनको) के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था.

China-Pakistan: LoC पर चीन-पाकिस्तान कर रहे ये कारस्तानी, भारत के सामने खुल गई पोल-पट्टी

India-Pakistan Border: चीन और पाकिस्तान की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. जिस तरह चीन ने खुद को एलएसी पर मजबूत किया है, अब वह अपने जिगरी दोस्त पाकिस्तान को एलओसी पर मदद कर रहा है. ड्रोन और लड़ाकू विमान देने के अलावा चीन एलओसी पर कम्युनिकेशन टावर लगाने, अंडरग्राउंड केबल बिछाने के अलावा रक्षा बुनियादी ढांचे में पाकिस्तान की मदद कर रहा है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी है.

यह चीन की स्थिति को और मजबूत करने की कोशिशों का हिस्सा है, साथ ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर बढ़ते चीनी दबदबे और क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) सड़क और हायड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा के बहाने भी ऐसा किया जा रहा है.

देखी गईं हॉवित्जर तोपें

अधिकारियों ने कहा, हाल ही में बनी 155 मिमी ट्रक-माउंटेड हॉवित्जर तोप एसएच-15 को पिछले साल पाकिस्तान दिवस पर डिस्प्ले किए जाने के बाद LoC के पास कुछ जगहों पर देखा गया है. पाकिस्तान ने 236 एसएच -15 की सप्लाई के लिए चीनी फर्म नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नोरिनको) के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था. इन्हें ‘शूट एंड स्कूट’ तोपखाना हथियार के रूप में जाना जाता है.

 लंदन स्थित जेन्स डिफेंस पत्रिका के मुताबिक, पहले जत्थे की सप्लाई जनवरी 2022 में की गई थी. अधिकारियों ने कहा कि हालांकि अग्रिम चौकियों पर पीएलए के सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी नहीं पाई गई, जैसा कि 2014 में पता चला था, लेकिन पकड़े गए कुछ संदेशों से पता चला है कि चीनी सैनिक और इंजीनियर एलओसी पर अंडरग्राउंड बंकरों के कंस्ट्रक्शन सहित बुनियादी ढांचा खड़ा कर रहे थे.

खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी

सूत्रों ने कहा कि सेना ने आधिकारिक तौर पर इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है लेकिन खुफिया एजेंसियों को लगातार जानकारी दी जा रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी सेना की मौजूदगी बीजिंग के 46 अरब डॉलर के सीपीईसी के कारण है, जिसके तहत कराची में ग्वादर बंदरगाह को काराकोरम राजमार्ग के जरिए से चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ा जाएगा. काराकोरम राजमार्ग चीन के अवैध कब्जे वाला क्षेत्र है. 

अधिकारियों ने संकेत दिया कि चीनी एक्सपर्ट हर मौसम में खुली रहने वाली सड़क बनाने की तैयारी के लिए पीओके में स्थित लीपा घाटी में कुछ सुरंगें खोद रहे हैं, जो काराकोरम राजमार्ग तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी.

एक चीनी टेलीकॉम कंपनी ने 2007 में पाकिस्तान की कम्युनिकेशन कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था और चाइना मोबाइल पाकिस्तान (सीएमपाक) का गठन किया, जो चाइना मोबाइल कम्युनिकेशंस कॉर्पोरेशन की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. पिछले साल अगस्त में, पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) ने पीओके के लिए सीएमपाक (जोंग) के मोबाइल लाइसेंस को रिन्यू करते हुए क्षेत्र में नेक्स्ट जेनरेशन मोबाइल सर्विसेज (एनजीएमएस) के विस्तार की इजाजत दी थी.

काराकोरम राजमार्ग के विस्तार के अलावा, चीन ने अपने हायड्रो  प्रोजेक्ट्स और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स  को आतंकवादी हमलों से बचाने के लिए पीओके में अनुमानित 36,000 'सुरक्षा गार्ड' भेजे हैं. चीन पीओके में समृद्ध समाज वाले गांव भी बना रहा है.

(इनपुट-पीटीआई)

Trending news