Street Food In India: भारत में स्ट्रीट फूड्स के दीवानों की संख्या कम नहीं है लेकिन जब भी आप किसी फास्ट फूड के ठेले पर जाते हैं, तब वहां आपको लाल रंग का कपड़ा दिखाई देता है, जो फूड आइटम को कवर करने के काम आता है. क्या आपने कभी ये सोचा है आखिर इसके लिए लाल रंग के कपड़े का ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
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Interesting Facts Street Food: स्ट्रीट फूड्स के दीवानों का दिन चाट-पकोड़े और फास्ट फूड के बिना खत्म नहीं होता है. रेहड़ी-पटरी और ठेले पर लगाए जाने वाले फास्ट फूड आइटम्स में एक बात कॉमन देखने को मिलती है. इन फूड आइटम्स को कवर करने के लिए लाल रंग के कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है. आपने कभी ये सोचा है कि इनको ढ़कने के लिए लाल रंग के कपड़े का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है? ये कपड़ा किसी और रंग का क्यों नहीं होता है आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक तथ्य काम करता है.
क्या है इसका वैज्ञानिक कारण?
इसका पहला कारण है कि लाल रंग काफी चटकीला होता है और इसे दूर से भी पहचाना जा सकता है. लाल रंग पर लोगों का ध्यान आसानी से चला जाता है, इसलिए ठेले के मटकों और दूसरे बर्तनों पर लाल रंग का कपड़ा बाधा जाता है. लाल रंग के चटकीले होने के पीछे एक आसान-सा फिजिक्स काम करता है. जैसा की हम जानते है कि प्रकाश आमतौर पर सात रंगों से मिलकर बनता है. इन सभी रंगों में लाल रंग की तरंगदैर्ध्य सबसे ज्यादा होती है. इसके विपरीत इस रंग की आवृत्ति सबसे कम होती है. आपको बता दें कि जिस रंग की तरंगदैर्ध्य जितनी ज्यादा होती है, वह उतना ही ज्यादा चमकदार होता है. ऐसा रंग दूर से ही नजर आ जाता है.
लाल रंग के कपड़े का दूसरा कारण
फूड आइटम को लाल रंग के कपड़े से कवर करने पर इस रंग पर लोगों का ध्यान जल्दी जाता है. इतिहास के जानकार बताते हैं कि हुमायूं के शासन काल के दौरान रसोई को लेकर एक रिवाज था. इस रिवाज के तहत खाना रखने को बर्तनों को लाल कपड़े से कवर कर दिया जाता था. यही रिवाज आगे बढ़ते हुए इस रूप में प्रचलित हो गया, इसलिए खाने को ढ़कने के लिए लाल रंग के कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है.
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