Transgender कपल को मंदिर में शादी करने की नहीं मिली इजाजत, फिर लिया ये बड़ा फैसला
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Transgender कपल को मंदिर में शादी करने की नहीं मिली इजाजत, फिर लिया ये बड़ा फैसला

Transgender Wedding: केरल के पलक्कड़ जिले (Palakkad in Kerala) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मंदिर के प्रशासन ने एक ट्रांसजेंडर कपल (Transgender Couple) को वहां शादी करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद समुदाय के कई सदस्यों ने इसकी शिकायत की.

 

Transgender कपल को मंदिर में शादी करने की नहीं मिली इजाजत, फिर लिया ये बड़ा फैसला

Transgender Couple Marriage: केरल के पलक्कड़ जिले (Palakkad in Kerala) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मंदिर के प्रशासन ने एक ट्रांसजेंडर कपल (Transgender Couple) को वहां शादी करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद समुदाय के कई सदस्यों ने इसकी शिकायत की. निलन कृष्ण और अद्विका (Nilan Krishna and Advika) कुछ समय पहले ही सगाई हो चुकी है, इससे बाद उन्होंने थिरु-कचमकुरिसी मंदिर में शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया. उनके करीबी दोस्तों का दावा है कि शादी के निमंत्रण में स्थान महाविष्णु मंदिर दिखलाया गया था.

ट्रांसजेंडर कपल को मंदिर में नहीं मिली शादी की इजाजत

मालूम हो कि चूंकि कपल ट्रांसजेंडर था, तो इस वजह से मंदिर के प्रशासन अधिकारियों ने कथित तौर पर शादी के लिए मना कर दिया. शादी के बाद कपल को मंदिर के पास एक हॉल में जाना था, लेकिन यह नहीं हो सका. वहीं, मालाबार देवास्वोम बोर्ड (Malabar Devaswom Board) के मेंबर व मंदिर के अधिकारी ने दावे का खंडन कर दिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि उन्होंने शादी के लिए अनुमति देने से इनकार नहीं किया था. हालांकि, इस शादी में शामिल लोगों से इस मामले के बारे में मंदिर बोर्ड के अधिकारियों से बात करने के लिए कहा था .

मंदिर की अधिकारियों ने दिया ये बयान

मंदिर के एक अधिकारी ने बताया, 'ट्रांसजेंडर कपल नहीं बल्कि उनके पास कोई दूसरा शख्स मंदिर में आया जो उन्हें जानता था और हमें मंदिर में शादी करने की योजना के बारे में बताया.' उन्होंने कहा कि जब उन्हें ट्रांसजेंडर कपल के बारे में मालूम चला तो उन्होंने अपने अन्य सदस्यों से बात करने के लिए कहा. उनका कहना है कि इस मामले में बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य लोग मौजूद नहीं थे. इसलिए, हमने उन्हें उच्च अधिकारियों से बात करने के लिए कहा क्योंकि हमें इस तरह के मामले में स्वतंत्र निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है. दरअसल, इससे पहले मंदिर में ऐसी शादी कभी नहीं हुई, इस वजह से सभी के जानकारी में होना जरूरी था.'

'कपल के पैरेंट्स या रिश्तेदारों की मंजूरी जरूरी'

मंदिर के अधिकारी ने कहा कि वे आमतौर पर शादीशुदा जोड़े के माता-पिता और अन्य रिश्तेदारों की सहमति के बिना लव मैरिज को मंजूरी नहीं देते हैं. भविष्य में, मंदिर में इस प्रकार की शादियों से कानूनी समस्याएं हो सकती हैं. ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली ईशा किशोर ने स्थिति को भयानक बताया और कहा कि उनके जेंडर के कारण कपल को मंदिर परिसर में शादी करने की अनुमति नहीं दी गई. हालांकि, ट्रांसजेडर कपल ने इस मामले में कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया.

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