मायरा का टूट गया रिकॉर्ड! किलोभर सोना..14 किलो चांदी..100 बीघा जमीन, 1000 गाड़ियों सहित पहुंचे भाई
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मायरा का टूट गया रिकॉर्ड! किलोभर सोना..14 किलो चांदी..100 बीघा जमीन, 1000 गाड़ियों सहित पहुंचे भाई

Mayara: बताया गया कि यह अब तक का सबसे बड़ा ज्ञात मायरा है. इसमें कुल 8 करोड़ 1 लाख रुपए दिए गए. जिसमें 2.21 करोड़ कैश, 1 किलो सोना, 14 किलो चांदी, 100 बीघा जमीन दी गई. साथ ही एक ट्रैक्टर-ट्रॉली भर कर गेहूं दिया गया है.

मायरा का टूट गया रिकॉर्ड! किलोभर सोना..14 किलो चांदी..100 बीघा जमीन, 1000 गाड़ियों सहित पहुंचे भाई

Nagaur Rajasthan: राजस्थान के नागौर जिले में मायरा की परंपरा काफी पुरानी है. आए दिन ऐसी खबरें सामने आती रहती है जब वहां मायरा के लिए काफी बड़ी धनराशि दी जाती है. यह धनराशि लड़कियों को उनके भाइयों की तरफ से तब दी जाती है जब उनके भांजों की शादी होती है. यह मामा की तरफ से भांजे-भांजियों को भी दी जाती है. इसी कड़ी में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें आठ करोड़ से ज्यादा का मायरा दिया गया है. इसमें सोना चांदी और जमीन भी शामिल है. इसे अब तक का सबसे महंगा मायरा बताया जा रहा है.

अब तक का सबसे महंगा मायरा!
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला नागौर जिले के ढींगसरा गांव का है. यहां मेहरिया परिवार की ओर से यह मायरा रविवार को भरा गया है. इस गांव के रहने वाले अर्जुन राम मेहरिया, भागीरथ मेहरिया, उम्मेदाराम मेहरिया, हरिराम मेहरिया, मेहराम मेहरिया, प्रह्लाद मेहरिया अपनी इकलौती बहन भंवरी देवी के घर मायरा लेकर पहुंचे हैं. इनमें भागीरथ राम मेहरिया भाजपा नेता हैं और अर्जुनराम मेहरिया पूर्व अध्यक्ष अखिल भारतीय वीर तेजा जन्मस्थली संस्थान, हैं. 

1000 गाड़ियों के काफिले से
जानकारी के मुताबिक मेहरिया के परिवार ने 8 करोड़ 1 लाख का मायरा भरा है. ये सभी भाई अपनी बहन के यहां 1000 गाड़ियों के काफिले से देशी घी और चीनी-गेंहू से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर पहुंचे थे. इस दौरान 2.21 करोड़ कैश, 1 किलो सोना, 14 किलो चांदी, 100 बीघा जमीन दी गई है. एक रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि इस दौरान दो किलो चांदी बहन को और बाकी 800 सिक्के पूरे गांव को बांटे गए हैं. 

काफिला 5 किलोमीटर तक
मायरा भरने वाला मेहरिया परिवार भांजे का मायरा भरने के लिए अपने बहन के घर सुबह 10 बजे ट्रैक्टर में टेन्ट सजाकर नाचते गाते, अपने-अपने वाहनों से निकले थे. हजारों गाड़ियों का काफिला 5 किलोमीटर तक पीछे-पीछे चला. इस काफिले में बैलगाड़ी, ट्रैक्टर-ट्रॉली, ट्रेलर, बसों समेत लग्जरी वाहन भी थे. इतना ही नहीं मायरा में पांच हजार लोग शामिल हुए हैं. 

ननिहाल पक्ष की ओर से मायरा
बताया जा रहा है कि मायरा लेकर भाई पहुंचे वैसा ही इंतजाम बहन के परिवार वालों ने भी किया है. फिलहाल इसे अब तक का सबसे बड़ा मायरा माना जा रहा है. राजस्था में नागौर की मायरा परंपरा को काफी सम्मान की नजर से देखा जाता है. बहन के बच्चों की शादी होने पर ननिहाल पक्ष की ओर से मायरा भरा जाता है. इसे सामान्य तौर पर भात भी कहते हैं. इस रस्म में ननिहाल पक्ष की ओर से बहन के बच्चों के लिए कपड़े, गहने, रुपए और अन्य सामान दिया जाता है. बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही नागौर की डेह तहसील के बुरड़ी गांव में भी 3 करोड़ रुपए का मायरा भरा गया था, लेकिन अब ढिगसरा गांव का यह मायरा सब रिकॉर्ड तोड़ चुका है.

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