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Bandar Kya Jaane Adrak Ka Swad: आपने कई बार सुना होगा, "बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद." इसका मतलब होता है कि जो कुछ नहीं जानता, वो उसकी कीमत भी नहीं समझ सकता. फिलहाल, हम बचपन से ही इस मुहावरे के बारे में सुनते आए हैं लेकिन यह नहीं समझ पाए कि आखिर ऐसा कहा ही क्यों जाता है? दरअसल, अदरक का स्वाद न मीठा होता है, न ही खट्टा, न ही तीखा और न ही कड़वा. इसका टेस्ट आम इंसान भी अलग-अलग जवाब देगा. ऐसे में जब इंसान के पास ही इसका सही जवाब नहीं है तो बंदर कैसे इस बारे में समझ पाएगा. हालांकि, इसी को ध्यान में रखते हुए पुरनियों ने इस मुहावरे का इजाद किया होगा. चलिए आज हम इसके पीछे की कहानी को समझने की कोशिश करते हैं.
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आखिर यह मुहावरा क्यों हुआ फेमस?
"बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद" यह कहावत हम सभी ने सुनी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है? सीबीएसई बोर्ड के सुभाष शुक्ल के अनुसार, बंदर जंगल के पेड़-पौधों को अच्छी तरह जानते हैं क्योंकि वे शाकाहारी होते हैं. लेकिन अदरक जमीन के अंदर उगता है और इसका स्वाद बाकी फलों या सब्जियों से अलग होता है. इसलिए बंदर अदरक के स्वाद को नहीं पहचान पाते.
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आखिर इसके पीछे की क्या है वजह?
अदरक का स्वाद ऐसा है मानो कोई जादूगर ने इसे बनाया हो. ना मीठा, ना खट्टा, बड़ा ही अजीब. इंसानों को भी इसका स्वाद समझने में थोड़ा समय लगता है. बंदर तो इसे बिल्कुल ही पसंद नहीं करते. जब कभी उन्हें अदरक मिलता है, तो वे इसे फेंक देते हैं, मानो कोई कड़वा फल हो. सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल रहा है जिसमें एक बंदर को अदरक दिया जा रहा है. बंदर अदरक को चखता है और फिर उसे कुछ नहीं समझ आने पर तुरंत ही फेंक देता है. यह वीडियो "बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद" इस कहावत को एकदम सच साबित करता है. इस वीडियो को आईएफएस अधिकारी सुशांत नंदा ने 3 साल पहले शेयर किया था.