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Knowledge News: नए शोध ने यह खुलासा किया है कि गेको जैसी छिपकलियों में अतिरिक्त सुनने की क्षमता होती है, जो उन्हें कई प्रकार के वाइब्रेशन को पहचानने में सक्षम बनाती है. रिसर्चर्स ने इस खोज के आधार पर अन्य सरीसृपों में भी इसी क्षमता के होने की संभावना व्यक्त की है. इस नए स्टडी ने वैज्ञानिकों को जानवरों में कानों और सुनने की क्षमता के विकास के बारे में अधिक समझने का अवसर प्रदान किया है.
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मैरीलैंड विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने पाया है कि छिपकलियां वाइब्रेशन का पता लगाने के लिए संतुलन से संबंधित एक प्रणाली का उपयोग करती हैं. यह जानवरों को सुनने और स्पर्श के उत्तेजनाओं को कैसे समझते हैं, इस बारे में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करता है. करंट बायोलॉजी में प्रकाशित एक नए स्टडी में, रिसर्चर ने खुलासा किया कि छिपकलियां निम्न-आवृत्ति कंपनों का पता लगाने के लिए सैकुले का यूज करती हैं. सैकुले छिपकली के आंतरिक कानों का एक हिस्सा है. यह पारंपरिक रूप से संतुलन और शरीर की स्थिति बनाए रखने से जुड़ा है.
यूएमडी में जीव विज्ञान के एक मशहूर यूनिवर्सिटी प्रोफेसर और स्टडी के को-राइटर कैथरीन कार ने कहा, "जैसा कि हम जानते हैं, कान हवा में ले जाए जाने वाली आवाजें सुनता है. यह प्राचीन आंतरिक मार्ग आमतौर पर संतुलन से जुड़ा होता है. यह गेको को जमीन या पानी जैसे माध्यमों से यात्रा करने वाले कंपनों का पता लगाने में भी मदद करता है." यह मार्ग उभयचरों और मछलियों के लिए मौजूद था, लेकिन अब यह छिपकलियों में भी संरक्षित पाया गया है. सैकुले 50 से 200 हर्ट्ज के बीच के मंद कंपनों का पता लगा सकता है. यह गेको के कानों से सुनने की तुलना में बहुत कम है.
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रिसर्चर ने निष्कर्ष निकाला है कि सैकुले गेको की नियमित श्रवण प्रणाली के लिए एक अलग लेकिन योजक कार्य करता है. गेको हवाई ध्वनियों को सुन सकते हैं, यह एक ऐसा गुण है जो कई अन्य सरीसृपों में नहीं होता है. अध्ययन के प्रमुख लेखक व पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर और यूएमडी में स्नातक छात्र डैवी हान ने कहा कि गेको में सैकुले की भूमिका की खोज से अन्य जानवरों में संचार और व्यवहार की बेहतर समझ हो सकती है, जिनके बारे में पहले सोचा जाता था कि उनकी सुनने की सीमा सीमित है.