April Fool: मेरी सगाई 32 मार्च को है..जब एक राजा ने कहा और पब्लिक जुट गई, फिर शुरू हो गया अप्रैल फूल का खेल!
Advertisement

April Fool: मेरी सगाई 32 मार्च को है..जब एक राजा ने कहा और पब्लिक जुट गई, फिर शुरू हो गया अप्रैल फूल का खेल!

Prank On 1st April: मूर्ख दिवस के दिन लोग मजाक में लोगों को मूर्ख बनाते हैं. आज के दौर में तो वैसे भी मूर्ख बनाने के तमाम तरीके हैं लेकिन 1 अप्रैल का इतिहास उतना ही मजेदार है जितना इस दिन के बारे में कहा जाता है. आइए जानते हैं कि 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस की शुरुआत कब से मानी गई है.

April Fool: मेरी सगाई 32 मार्च को है..जब एक राजा ने कहा और पब्लिक जुट गई, फिर शुरू हो गया अप्रैल फूल का खेल!

First Time April Fool In History: अप्रैल की पहली तारीख को पूरी दुनिया 'मूर्ख दिवस' के रूप में जानती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई थी. हालांकि कहीं भी आधिकारिक रूप से यह दर्ज नहीं है कि यह कब शुरू हुआ है. लेकिन इतिहास की कुछ मजेदार घटनाओं का उदाहरण दिया जाता है, जब इसे अप्रैल फूल  दिन की शुरुआत मानी जाती है. इनमें से इंग्लैंड के राजा से जुड़ी हुई एक दिलचस्प घटना है.

जनता ने सच मान लिया!

दरअसल, यह घटना तब की है ब्रिटेन के राजा 'रिचर्ड द्वितीय' हुआ करते थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चॉसर कैंटरबरी टेल्स (1392) की किताब के मुताबिक इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी की सगाई की बात जनता को बताई गई. इसमें कहा गया कि उनकी सगाई 32 मार्च को तय की गई है. यह बात जानबूझकर बताई गई थी या अनजाने में बताई गई थी लेकिन इसे वहां की जनता ने सच मान लिया था.

31 मार्च के अगले दिन जनता पहुंच गई

मजेदार बात यह है कि 31 मार्च के अगले दिन को 32 मार्च मानकर जनता वहां पहुंच गई. बाद में पता चला कि मार्च तो 31 का ही होता है. इस प्रकार सब लोग एक अप्रैल के दिन फूल बन गए. ऐसा माना जाता है कि उसी दिन से एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाने लगा था. हालांकि इसके अलावा भी कुछ मान्यताएं हैं. जिनमें एक यह भी कि 1582 में पोप ग्रेगोरी 13 ने एक नया कैलेंडर जारी किया जिसमें एक जनवरी को नववर्ष मनाने को कहा गया. 

1698 में लंदन में अफवाह फैली

लेकिन इसके बावजूद भी तमाम लोग नववर्ष एक अप्रैल को मनाते थे, उन्हें मूर्ख कह कर उनका मजाक उड़ाया जाता था और इस कारण से भी एक अप्रैल को मूर्ख दिवस कहा गया. एक अन्य कहानी के मुताबिक 1698 में लंदन में अफवाह फैली कि एक अप्रैल को टावर ऑफ लंदन से लोग दुनिया से खत्म होते शेर को देख सकते हैं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. अगले दिन इसे मूर्ख दिवस बताया गया. 

1915 में अफवाह उड़ी

कई मीडिया रिपोर्ट्स में एक और मजेदार किस्से का जिक्र है. एक अप्रैल 1915 में अफवाह उड़ी की जर्मनी के एक एयरपोर्ट को ब्रिटिश पायलट ने बम से उड़ा दिया है. इसके बाद वहां हड़कंप मच गया लेकिन बहुत देर तक कुछ नहीं हुआ तो पता चला कि यह एक बम नहीं बल्कि फुटबॉल था. ऐसे तमाम किस्से हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि ये अप्रैल फूल दिवस की शुरुआत के हैं.

हिंदी खबरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com- सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news