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Camel Calf Dead Body: मां की ममता के आगे कुछ नहीं टिकता, फिर चाहे वह इंसान का बच्चा हो पशु का बच्चा. मां की ममता के बिना सब कुछ सूना है और दूध पीते बच्चे का मां से बिछड़ जाना कितना दर्द भरा होता है. संवेदनाओं से भरा एक नजारा क्षेत्र के रासला-दवड़ा सड़क पर देखने को मिला, जब एक ऊंटनी के बच्चे की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई. जिसके दो दिन तक मां मृत बच्चे के इर्द-गिर्द चक्कर लगाती रही और उसकी आंखों से आंसू टपकते रहे. यह देख हर किसी भी आंखें नम हो गई.
ऊंट के बच्चे की एक्सीडेंट में मौत
दरअसल, जैसलमेर जिले में पाकिस्तान से लगती सीमा के नजदीक दवाडा रासला गांव का क्षेत्र है. यहां पर कई किलोमीटर तक सुनसान भूमि हैं. जहां पर इंसान को यदा कदा ही देखा जाता है. यह आबादी क्षेत्र से कोसों दूर है और यहां यदा-कदा ऊंट ही दिखते हैं. कभी कभार ऊंटों के साथ चरवाहे भी नजर आ जाते हैं. इसी गांव के सड़क मार्ग पर एक मामला बेहद इमोशनल करने वाला है.
दो दिन तक रोती-बिलखती रही मां
जानकारी के अनुसार, रासला से दवाडा गांव जाने वाले सड़क मार्ग को दो दिन पहले एक ऊंटनी व उसका बछड़ा सड़क मार्ग को पार कर रहे थे. इस दौरान यहां से गुजर रहे तेज रफ्तार से अज्ञात वाहन बछड़े को अपनी चपेट में ले लिया. जिससे ऊंटनी के बछड़े की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. हादसे के बाद से ऊंटनी लगातार दो दिनों तक अपने मृत बछड़े के आसपास घूमती रही और उसकी आंखों से आंसू बहते रहे.
उठाने का करता रहा प्रयास
रासला-दवाडा सड़क मार्ग पर अज्ञात वाहन की चपेट में आकर ऊंटनी के बछड़े कि मौत हो जाने से परेशान ऊंटनी बिना कुछ खाए-पिए अपने मृत बछड़े के पास दो दिनों तक बैठी रही. कभी वह उसके चारों तरफ चक्कर लगाती तो कभी सिर से धक्के देकर उसे उठाने का प्रयास करती. आंखों से टपकते आंसूओं के साथ वह कई बार जोर-जोर से चिल्लाती भी. इस दौरान यहां से गुजर रहे लोगों ने उसे देखा तो उनकी आंखें भी नम हो गई और घटना पर दुख जताया.
रिपोर्ट: शंकरदान