महाराष्ट्र के पालघर में हिंसक भीड़ ने दो निर्दोष संतों की बेरहमी से पीट पीटकर हत्या कर दी थी. इस नृशंस हत्याकांड से पूरे देश की रूह कांप गयी थी और महाराष्ट्र पुलिस के खिलाफ सभी आक्रोशित हो गए थे.
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मुंबई: देश की सर्वोच्च अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. शीर्ष न्यायालय ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार की कार्यशैली पर अनेक प्रश्नचिन्ह खड़े किए. तीन लोगों की हत्या के मामले में, वो जिसमे तो संतों की बर्बरतापूर्ण हत्या की गई हो, इतने गंभीर मामले में पुलिस की लापरवाही कई सवाल खड़े करती है.
सभी चार्जशीट सुप्रीम कोर्ट में पेश करे राज्य सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने पालघर हत्याकांड पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र की शिवसेना और एनसीपी की सरकार को आदेश दिया है कि 3 हफ्ते के अंदर सरकार सभी चार्जशीट दाखिल करे. वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने इस मामले की जांच NIA से कराए जाने की मांग भी की है.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि इस मामले में दो चार्जशीट दायर हुई हैं. जबकि तीसरी सोमवार तक दायर होगी. इस जवाब पर कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को सभी चार्जशीट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिए है.
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आरोपी पुलिसवालों पर क्या कार्रवाई हुई- सुप्रीम कोर्ट
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे की सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई. गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से दोषी पुलिस कर्मियों पर अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जवाब मांगा है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल को दो साधुओं समेत कुल 3 लोगों की हुई निर्मम हत्या के मामले की जांच सीआईडी कर रही है. इस मामले में अब तक दहाणु कोर्ट में दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की हैं. सीआईडी ने 126 लोगों के खिलाफ पहली चार्जशीट 4995 पन्नों की बनाई है. जबकि 5921 पन्नों की दूसरी चार्जशीट अदालत में दाखिल की. इस चार्जशीट में CID ने अफवाह को घटना की मुख्य वजह माना है.