सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 5-5 लाख रुपये के इनामी केरलापाल क्षेत्र निवासी नक्सली कमांडर मिड़ियम बंडी उर्फ नरेश व किस्टाराम क्षेत्र निवासी माड़वी बुधरी उर्फ कमली, 2 लाख रुपये का इनामी भेजी निवासी करटम पोज्जा उर्फ सोनू शामिल है.
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सुकमाः एक तरफ जहां घाटी में सुरक्षाबल लगातार आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा रहे हैं तो वहीं मैदानी जंगलों में पुलिस को नक्सलियों को तोड़ने में विजय हासिल हो रही है. छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक बार फिर गुरुवार को नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों और पुलिस के सामने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने महिला सहित 5 नक्सली शामिल हैं. इनमें से दो नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपये और एक पर 2 लाख रुपये का इनाम था. ये नक्सली आईईडी ब्लास्ट, फायरिंग और हत्या में शामिल रहे हैं.
Chhattisgarh: Five Naxals have surrendered in Sukma district before ASP Siddhartha Tiwari, SP Shalabh Sinha & officers of Central Reserve Police Force. Out of the five Naxals, 2 were carrying rewards of Rs 5 lakhs on their heads. pic.twitter.com/coJvbb1T1c
— ANI (@ANI) June 11, 2020
खतरनाक श्रेणी के थे नक्सली
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 5-5 लाख रुपये के इनामी केरलापाल क्षेत्र निवासी नक्सली कमांडर मिड़ियम बंडी उर्फ नरेश व किस्टाराम क्षेत्र निवासी माड़वी बुधरी उर्फ कमली, 2 लाख रुपये का इनामी भेजी निवासी करटम पोज्जा उर्फ सोनू शामिल है. इनके अलावा चिंतागुफा निवासी पोड़ियम गंगा और चिंतलनार निवासी मड़कम हड़मा ने भी आत्मसमर्पण किया है.
इलाज नहीं मिला तो मुख्यधारा में लौटा नक्सली
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मिड़ियम वर्ष 2017 के बुर्कापाल एंबुश और 2018 के परिया ब्लास्ट में शामिल था. कमली वर्ष 2007 में कुरगोड़ा के पास ब्लास्ट से नागा बटालियन का वाहन उड़ाने और एर्राबोर राहत शिविर में आगजनी की घटना में शामिल थी. मिड़ियम बंडी ने बताया कि वह पत्नी को भी नक्सल संगठन में लेकर गया था, लेकिन बीमार होने पर उसे वहां इलाज नहीं मिला. तब उसे आत्मसमर्पण कराया. पुलिस ने उसका इलाज कराया था. इससे प्रभावित होकर वह मुख्यधारा में लौटा है.
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दो दिन पहले भी सात नक्सलियों ने किया था सरेंडर
नक्सलियों ने नक्सल ऑपरेशन कार्यालय में सुकमा पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, उप कमांडेट 226वीं वाहिनी सीआरपीएफ नरेश पाल के समक्ष बिना हथियार के सरेंडर किया है. इससे दो दिन पहले भी सुकमा में सीआरपीएफ के सामने बिना हथियारों के सात नक्सलियों ने सरेंडर किया था. सरकार की नीतियों के कारण इससे भी पहले कई नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं.
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