Raajneeti: वोट के लिए छिपछिपाकर 100-500 रुपये की बात होती थी। करीब 20 साल पहले शुरू हुआ ये खेल मिक्सर ग्राइंडर, साइकिल, रंगीन टीवी, लैपटॉप, टैबलेट, स्कूटी, मुफ्त पानी और बिजली से होते हुए एक मुश्त कैश अमाउंट की तरफ बढ़ता दिख रहा है। कभी विधवाओं, बुजुर्गों और बेसहारा लोगों के लिए चलाई जाने वाली स्कीमों की तर्ज पर अब एक बड़ी आबादी के लिए सीधे नोट बंटाई चल रही है और इसमें हर कोई एक दूसरे से आगे निकलने के लिए बेताब है और वोटर भी काका हाथरसी के अंदाज में आफर को लपकने बैठे हैं। राजनीति डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता को उंगुली दिखाते हुए बीजेपी प्रवक्ता केके शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने असुरी शक्ति को खत्म करने की बात नहीं कहीं, आप व्याख्या में मत बदलिए।